
स्वतंत्र भारत के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य क्रांति की शुरुआत करते हुए, नीति आयोग ने जिला और ब्लॉक स्तर पर एक महत्वाकांक्षी ‘ब्रेन हेल्थ इनिशिएटिव’ की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य देश की मानव पूंजी को सशक्त बनाना और मस्तिष्क स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करना है। यह पायलट कार्यक्रम देश के 12 एस्पिरेशनल जिलों में शुरू किया गया है, जो भारत के विकास की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
मस्तिष्क स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित: एक आवश्यक परिवर्तन
भारत में स्वास्थ्य संबंधी नीतियां पारंपरिक रूप से संक्रामक रोगों पर केंद्रित रही हैं, लेकिन अब एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है। इस पहल के माध्यम से गैर-संचारी रोगों (NCDs) और विशेष रूप से मस्तिष्क से संबंधित बीमारियों की रोकथाम पर जोर दिया जा रहा है। नीति आयोग के सदस्य, डॉ. वीके पॉल, ने इस पहल का उद्घाटन करते हुए इसे एक “इंजेक्शन पॉइंट” बताया, जो भविष्य में एक बड़े बदलाव की नींव रखेगा।
डॉ. पॉल ने जोर देकर कहा कि विकसित भारत की दृष्टि को साकार करने के लिए एक मजबूत स्वास्थ्य ढांचा आवश्यक है। यह ढांचा ही भारत की विशाल जनशक्ति का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित कर सकता है। इस कार्यक्रम के तहत, मस्तिष्क स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने, रोकथाम के उपायों को बढ़ावा देने और बीमारियों के इलाज के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। यह पहल देश के प्रत्येक नागरिक के लिए बेहतर स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पायलट प्रोग्राम: एस्पिरेशनल जिलों की भूमिका
‘ब्रेन हेल्थ इनिशिएटिव’ की शुरुआत देश के 12 एस्पिरेशनल जिलों में की गई है। ये जिले उन क्षेत्रों को दर्शाते हैं जहाँ विकास के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव और मिशन निदेशक, रोहित कुमार, ने बताया कि इन जिलों में जागरूकता, रोकथाम और कार्रवाई के माध्यम से ब्रेन हेल्थ को मजबूत करने के प्रयास किए जाएंगे। यह दृष्टिकोण दर्शाता है कि सरकार समावेशी विकास के प्रति कितनी गंभीर है, जहाँ विकास की किरण दूरदराज के क्षेत्रों तक भी पहुँच रही है।
यह कार्यक्रम यह सुनिश्चित करेगा कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को सामाजिक कलंक के बजाय एक चिकित्सा समस्या के रूप में देखा जाए। इससे लोग बिना किसी डर के उपचार और सहायता प्राप्त कर सकेंगे। इस पहल के माध्यम से, भारत ब्रेन हेल्थ के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करने की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ा रहा है।

इस पहल की देखरेख नेशनल टास्क फोर्स ऑन ब्रेन हेल्थ द्वारा की जाएगी, जिसके अध्यक्ष डॉ. राजिंदर के. धमीजा हैं। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि दुनिया में हर तीन में से एक व्यक्ति मस्तिष्क संबंधी बीमारियों से प्रभावित है, जो इस पहल की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है। यह आँकड़ा न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक गंभीर चेतावनी है।
एक समग्र दृष्टिकोण: स्वास्थ्य और विकास का संगम
नीति आयोग के सीईओ, बीवीआर सुब्रह्मण्यम, ने इस पहल को एक मजबूत चिकित्सा प्रणाली के निर्माण की दिशा में एक आवश्यक कदम बताया। उन्होंने कहा कि देशवासियों की अच्छी जीवन गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत चिकित्सा प्रणाली का होना अनिवार्य है। यह पहल केवल चिकित्सा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक समग्र विकास दृष्टिकोण को दर्शाती है।
इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को आम लोगों तक पहुँचाना है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ स्वास्थ्य सुविधाएँ सीमित हैं। इससे न केवल बीमारियों की पहचान और उपचार में सुधार होगा, बल्कि यह कार्यबल की उत्पादकता और देश की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान करेगा।
यह खबर केवल एक नई सरकारी पहल के बारे में नहीं है, बल्कि यह भारत के भविष्य की दिशा में एक संकेत है, जहाँ स्वास्थ्य और विकास एक दूसरे के पूरक हैं।

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