
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिंगापुर के अपने समकक्ष लॉरेंस वोंग के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में सिंगापुर द्वारा दिए गए समर्थन के लिए प्रधानमंत्री वोंग का आभार व्यक्त किया। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का एकजुट होकर मुकाबला करना सभी मानवतावादी देशों का कर्तव्य है।
आतंकवाद पर एकजुटता और वैश्विक चिंता
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर दोनों की आतंकवाद को लेकर समान चिंताएं हैं। उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से लड़ना सभी मानवतावादी देशों का कर्तव्य है।” प्रधानमंत्री ने पहलगाम हमले के बाद भारत के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करने और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री वोंग और सिंगापुर सरकार का विशेष रूप से धन्यवाद किया।
60वीं वर्षगांठ पर संबंधों को मिली नई दिशा
प्रधानमंत्री वोंग की पदभार संभालने के बाद यह पहली भारत यात्रा है। पीएम मोदी ने इस यात्रा को और भी खास बताया क्योंकि इस साल दोनों देश अपने संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले साल सिंगापुर की अपनी यात्रा के दौरान दोनों देशों ने संबंधों को “कंप्रिहेंसिव स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप” का दर्जा दिया था। इस एक वर्ष में दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग में काफी गति और गहराई आई है।
पीएम मोदी ने बताया कि आज साउथ ईस्ट एशिया क्षेत्र में सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और भारत में बड़े स्तर पर निवेश भी करता है। दोनों देशों के रक्षा संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं।

भविष्य के लिए विस्तृत रोडमैप
प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने बताया कि दोनों देशों ने अपनी साझेदारी के भविष्य के लिए एक डिटेल्ड रोडमैप तैयार किया है। उन्होंने कहा कि अब दोनों देशों का सहयोग केवल पारंपरिक क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहेगा। बदलते समय के अनुरूप, एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन शिपिंग, स्किलिंग, सिविल न्यूक्लियर और अर्बन वाटर मैनेजमेंट जैसे क्षेत्र भी उनके सहयोग के केंद्र बिंदु बनेंगे।
इसके अलावा, दोनों देशों ने आपसी व्यापार को गति देने के लिए द्विपक्षीय कंप्रिहेंसिव इकोनॉमिक कोऑपरेशन एग्रीमेंट और आसियान के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की समयबद्ध समीक्षा करने का निर्णय लिया है।
तकनीकी और नवाचार साझेदारी
प्रधानमंत्री ने तकनीकी और नवाचार को दोनों देशों की साझेदारी का एक मजबूत स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि पिछले साल हुए सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पार्टनरशिप समझौते ने रिसर्च और डेवलपमेंट को नई दिशा दी है। उन्होंने यह भी बताया कि ‘सेमीकॉन इंडिया’ कांफ्रेंस में सिंगापुर की कंपनियां बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं।
पीएम मोदी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि सिंगापुर, चेन्नई में नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्किलिंग की स्थापना में सहयोग करेगा। इसके अलावा, एआई, क्वांटम और अन्य डिजिटल टेक्नोलॉजी में भी सहयोग को बढ़ाया जाएगा। आज हुए स्पेस सेक्टर से जुड़े समझौते से अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में सहयोग का एक नया अध्याय शुरू होगा।
हरित और डिजिटल गलियारे
पीएम मोदी ने बताया कि आज हुए ग्रीन एंड डिजिटल कॉरिडोर्स से जुड़े समझौते से समुद्री क्षेत्र में ग्रीन फ्यूल की सप्लाई चेन और डिजिटल पोर्ट क्लियरेंस को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत अपने पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में तेजी से काम कर रहा है और इसमें सिंगापुर का अनुभव बहुत उपयोगी साबित होगा।
प्रेस वार्ता के अंत में, पीएम मोदी ने सिंगापुर को भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश आसियान के साथ सहयोग और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के संयुक्त दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।
इन वार्ताओं और समझौतों से यह स्पष्ट है कि भारत और सिंगापुर अपने संबंधों को न केवल मजबूत कर रहे हैं, बल्कि भविष्य की चुनौतियों और अवसरों के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।

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