
मराठा आरक्षण आंदोलन पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता और सांसद संजय राउत ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब मराठा समुदाय और सरकार दोनों ही इस मुद्दे पर एक समाधान से संतुष्ट हैं, तो किसी तीसरे पक्ष को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। संजय राउत ने यह बात शुक्रवार को मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए कही, जब उनसे मनोज जरांगे पाटिल के भूख हड़ताल खत्म करने के बाद की स्थिति पर सवाल पूछा गया।
जरांगे की भूख हड़ताल और सरकार का समाधान
हाल ही में, मराठा समुदाय के नेता मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे। यह आंदोलन पूरे महाराष्ट्र में जोर पकड़ रहा था, जिससे सरकार पर भारी दबाव था। सरकार और जरांगे के बीच कई दौर की बातचीत के बाद, सरकार ने उनकी अधिकांश मांगों को स्वीकार कर लिया। इसके बाद, जरांगे ने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी और सरकार के समाधान पर संतोष व्यक्त किया।
हालांकि, इस मामले पर राजनीतिक गलियारों में और मीडिया में लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसी संदर्भ में, संजय राउत ने कहा कि मीडिया को इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से तूल नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक समाधान निकाला। मराठा समुदाय के नेता मनोज जरांगे ने उस समाधान को स्वीकार कर लिया है और वे संतुष्ट हैं।”
महाराष्ट्र के हित में चुप्पी ज़रूरी
राउत ने इस बात पर जोर दिया कि मराठा और ओबीसी समुदाय दोनों ही सरकार द्वारा लिए गए निर्णय से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा, “मनोज जरांगे पाटिल अपने गांव पहुंच गए हैं। मैंने उनका बयान सुना। इसमें अनावश्यक तनाव पैदा करने का कोई मतलब नहीं है। इससे महाराष्ट्र को नुकसान होगा।” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो कोई भी इस मुद्दे पर चर्चा करके माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है, उसे ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह राज्य के लिए हानिकारक होगा।
राउत के अनुसार, इस समय शांति और सौहार्द बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “ओबीसी समुदाय भी संतुष्ट है कि उनकी मांगें मान ली गई हैं, मराठा समुदाय संतुष्ट है, तो हम इस पर चर्चा करके माहौल क्यों खराब करें? जो भी ऐसा कर रहा है, उसे महाराष्ट्र को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।”

संजय राउत ने की फडणवीस की तारीफ
मराठा आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे को संभालने के तरीके को लेकर संजय राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की। उन्होंने कहा, “फडणवीस का संयम सराहनीय है। उन्होंने कहीं भी अपना संयम नहीं खोया।” राउत की यह टिप्पणी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि शिवसेना (यूबीटी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच अक्सर तीखी बयानबाजी देखने को मिलती है। राउत का फडणवीस की तारीफ करना एक दुर्लभ राजनीतिक संकेत माना जा रहा है।
राज-शिंदे की दोस्ती पर राउत का तंज
इस दौरान, संजय राउत ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के संबंधों पर भी तंज कसा। हाल ही में, एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उनकी और राज ठाकरे की दोस्ती कम हो गई है। इस पर टिप्पणी करते हुए राउत ने कहा कि उनकी दोस्ती का एकमात्र उद्देश्य यह था कि दोनों भाई (उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे) कभी एक साथ न आएं। राउत ने कहा कि उनकी दोस्ती इसलिए शुरू हुई थी ताकि वे हमेशा अलग-थलग और दूर रहें। उन्होंने यह भी कहा, “लेकिन अब यह ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ हो गया है।” इस बयान के माध्यम से राउत ने यह संकेत देने की कोशिश की कि राज और शिंदे के बीच की दोस्ती केवल राजनीतिक स्वार्थ पर आधारित थी और अब इसका असली रंग सामने आ गया है।

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