
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात की। इस मुलाकात की जानकारी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्वयं शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा की। उन्होंने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की समाज में सेवा, श्रद्धा और सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने वाली भूमिका की जमकर सराहना की।
सीएम ने की धीरेंद्र शास्त्री की प्रशंसा
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री जन सेवा सदन में बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का पावन आगमन हुआ। उन्होंने आचार्य की ऊर्जा की प्रशंसा करते हुए कहा कि “उनकी ऊर्जा समाज को सेवा, श्रद्धा और सनातन संस्कारों से जोड़ती है।” उन्होंने यह भी कहा कि “जनसेवा के इस महायज्ञ में उनकी सहभागिता जनभावनाओं को और भी सशक्त बनाती है तथा हमें निरंतर यह प्रेरणा देती है कि ‘सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।'”
सीएम रेखा गुप्ता ने इस मुलाकात का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें वह शॉल ओढ़ाकर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का स्वागत करती हुई दिखाई दे रही हैं। उन्होंने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए लिखा, “बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मुख्यमंत्री जनसेवा सदन पधारे। स्नेहिल भेंट के लिए आभार।”
संतों के बीच मतभेद पर धीरेंद्र शास्त्री का बयान
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में संतों के बीच आपसी मतभेदों पर चिंता व्यक्त की थी, जिसे वर्तमान धार्मिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण बयान माना जा रहा है। भिवंडी के बागेश्वर सनातन मठ में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि कुछ लोग जानबूझकर संतों के बीच विवाद पैदा कर रहे हैं, जिससे सनातन धर्म की छवि को ठेस पहुँच रही है।
धीरेंद्र शास्त्री ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को लेकर जो मुद्दा वायरल हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने दोनों संतों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि एक (प्रेमानंद महाराज) ने युवाओं को भक्ति से जोड़ा है, जबकि दूसरे (जगद्गुरु रामभद्राचार्य) ने राम मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभाई है।

उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य का बचाव करते हुए कहा, “हमारे गुरुदेव कुछ छिपाते नहीं, जो मन में है, वही बोलते हैं। उनके मन में कोई गलत भावना नहीं है।” यह बयान यह दर्शाता है कि धीरेंद्र शास्त्री संतों के बीच एकता और सम्मान को कितना महत्व देते हैं और वह किसी भी तरह के आपसी मतभेद को सनातन धर्म के लिए नुकसानदेह मानते हैं।
राजनीतिक और धार्मिक महत्व
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और सीएम रेखा गुप्ता के बीच हुई यह मुलाकात राजनीतिक और धार्मिक दोनों ही दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह दिखाता है कि बागेश्वर धाम के प्रमुख का प्रभाव सिर्फ धार्मिक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी उनकी स्वीकार्यता बढ़ रही है। रेखा गुप्ता द्वारा उनका स्वागत करना और उनके कार्यों की प्रशंसा करना, उनके बढ़ते कद को दर्शाता है।
धीरेंद्र शास्त्री का संतों के बीच आपसी मतभेद पर दिया गया बयान भी बेहद अहम है। यह इस बात का संकेत है कि वह धार्मिक समुदाय में एकता और सद्भाव स्थापित करने के लिए भी काम कर रहे हैं। उनका यह रुख ऐसे समय में आया है जब सोशल मीडिया पर अक्सर विभिन्न संतों के बीच बहस और विवाद देखने को मिलते हैं।
कुल मिलाकर, यह मुलाकात और धीरेंद्र शास्त्री के बयान भारतीय राजनीति और धर्म के बीच बढ़ते संबंधों को दर्शाते हैं। यह साफ है कि आने वाले समय में धार्मिक गुरुओं की भूमिका केवल धार्मिक आयोजनों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि वे समाज और राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे।

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