
कांग्रेस की केरल इकाई द्वारा सोशल मीडिया पर बिहार की तुलना ‘बीड़ी’ से करने के बाद एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। इस पोस्ट पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय और जदयू विधायक पंकज कुमार मिश्रा सहित कई नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इन नेताओं ने कांग्रेस पर बिहार और बिहार के लोगों के गौरव का अपमान करने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि जनता आगामी विधानसभा चुनावों में इसका जवाब देगी।
गिरिराज सिंह का कांग्रेस पर तीखा हमला
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि यह सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि बिहार के लोगों का सीधा अपमान है। उन्होंने कहा कि “राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने न केवल प्रधानमंत्री का अपमान किया, बल्कि स्टालिन जैसे नेताओं ने भी बिहारियों और हिंदू धर्म पर अमर्यादित टिप्पणी की।” उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि क्या वे बिहारियों को सिर्फ बीड़ी पीने वाला मानते हैं या उनका इरादा बिहार को नीचा दिखाना है।
गिरिराज सिंह ने चेतावनी दी कि बिहार की जनता इस अपमान का बदला वोटों से लेगी। उनका यह बयान सीधे तौर पर बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें बीजेपी विपक्षी गठबंधन को कड़ी चुनौती देने की तैयारी में है।
गिरिराज सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी हमला बोला। उन्होंने उन्हें ‘तानाशाह’ बताया और उन पर लोकतंत्र विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सुवेंदु अधिकारी और अन्य विपक्षी नेताओं को विधानसभा के अंदर पीटा गया, जो कि लोकतंत्र के इतिहास में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब ममता बनर्जी के आदेश पर हुआ।
अन्य नेताओं ने भी की निंदा
केंद्रीय राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस को बिहारियों और बिहार के गौरव का मजाक उड़ाने में मजा आता है।” उन्होंने कहा कि बिहार और यहां के लोगों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वालों को राज्य की जनता ही सबक सिखाएगी। राय का बयान बीजेपी की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह बिहार की अस्मिता के मुद्दे को उठाकर जनता की भावनाओं को भुनाना चाहती है।
जदयू विधायक पंकज कुमार मिश्रा ने इस बयान को धार्मिक और सांस्कृतिक अपमान बताया। उन्होंने कहा कि “हम मां जानकी की धरती से आते हैं। उनकी पूरे देश में पूजा की जाती है।” उन्होंने कहा कि बिहार बुद्ध और मां जानकी की पवित्र भूमि है और कांग्रेस नेता इस पवित्र भूमि का अपमान कर रहे हैं। मिश्रा ने कहा कि भगवान भी उन्हें माफ नहीं करेंगे, हालांकि उन्हें खुद भगवान में कोई आस्था नहीं है। उन्होंने कांग्रेस पर हमेशा “पाकिस्तान और ऐसी ही दूसरी जगहों की बात करने” का आरोप लगाया और कहा कि बिहार की जनता चुनाव में इसका जवाब देगी।
राजनीतिक विवाद और चुनावी समीकरण
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। बीजेपी और उसके सहयोगी दल इस मुद्दे को भावनात्मक रूप से उठाकर बिहार की अस्मिता का मुद्दा बनाना चाहते हैं। कांग्रेस के इस बयान को विरोधी दलों द्वारा एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे वे विपक्षी गठबंधन पर दबाव बना सकें।
यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस विवाद से कैसे निपटती है और क्या यह मुद्दा आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण कारक बन पाता है। फिलहाल, यह साफ है कि इस एक बयान ने बिहार की राजनीति में एक नया तूफान ला दिया है, जिसमें सत्ताधारी और विपक्षी दोनों दल एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं।

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