
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि कोई भी राष्ट्र अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करके और दुष्टों का संहार करके ही सुरक्षित रह सकता है। उन्होंने जोर दिया कि सुरक्षा का माहौल ही समृद्धि की ओर ले जाता है। सीएम योगी युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित एक संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसका विषय था ‘भारत के समक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां’।
आंतरिक अराजकता राष्ट्र के लिए खतरा
संगोष्ठी में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान का अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार्य चाणक्य के एक कथन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “कोई राष्ट्र अगर बाहरी रूप से सुरक्षित है लेकिन आंतरिक रूप से नहीं, तो उसे एक अराजक राष्ट्र माना जाता है।” सीएम योगी ने पाकिस्तान को ऐसे ही अराजक राष्ट्र का एक उदाहरण बताया, जो आंतरिक अराजकता के कारण खोखला हो चुका है। उन्होंने कहा कि अराजकता किसी भी राष्ट्र को दुर्गति की ओर ले जाती है और उसके अस्तित्व पर संकट खड़ा कर देती है।
भारत माता के प्रति दुस्साहस बर्दाश्त नहीं
सीएम योगी ने कहा कि वैदिक काल से ही भारत में यह शिक्षा दी गई है कि धरती हमारी माता है। एक सुयोग्य पुत्र कभी भी अपनी मां के साथ अराजकता बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अगर कोई भारत माता की आन, बान और शान के खिलाफ दुस्साहस करता है, तो हर भारतीय उसके खिलाफ खड़ा होगा। उन्होंने रामायण और महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम का उपद्रवियों के नाश का संकल्प और भगवान श्रीकृष्ण का ‘परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्’ का उद्घोष यही सिखाता है कि नागरिकों का संरक्षण और दुष्टों का संहार राष्ट्र की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है।
सेना के शौर्य और राष्ट्र निर्माण
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के लिए दिए गए पंचप्रण का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पंचप्रण में एक संकल्प सेना के जवानों के प्रति सम्मान का भाव रखना भी है। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक मोर्चे पर माइनस 50 डिग्री तापमान में भी देश की सुरक्षा के लिए जागते हैं, इसीलिए नागरिक चैन की नींद सो पाते हैं। सीएम योगी ने भारतीय सेना को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक बताया। उन्होंने कहा कि युद्ध के तरीके बदल गए हैं, लेकिन हमारी सेना ने हर बदली परिस्थिति में दुश्मन को उसकी सीमा का एहसास कराया है।
सीडीएस अनिल चौहान: राष्ट्र की सुरक्षा में ‘सरप्राइज फैक्टर’ अहम
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि सीडीएस अनिल चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि युद्ध में सफलता के लिए सरप्राइज फैक्टर बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने उरी सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और पहलगाम हमले का उदाहरण देते हुए बताया कि भारतीय सेना ने हर बार दुश्मन को अचंभित करके अपने लक्ष्य को हासिल किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना 24×7 राष्ट्र की सुरक्षा के लिए तैयार है और आतंकवादी कहीं भी हों, उन्हें ढूंढ़कर मारा जाएगा।

सीडीएस चौहान ने आचार्य चाणक्य के अनुसार राष्ट्र की सुरक्षा के चार खतरों का जिक्र किया: आंतरिक खतरे, बाहरी खतरे, बाहरी सहयोग से आंतरिक खतरे और आंतरिक सहयोग से बाहरी खतरे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए तीन घटक अनिवार्य हैं: भूमि की सुरक्षा, विचारधारा की सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘सुदर्शन चक्र’
सीडीएस ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (बालाकोट हमले के बाद) का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीतिक नेतृत्व से साफ दिशा-निर्देश थे कि सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया जाए, नागरिकों को नहीं। उन्होंने कहा कि यह पहला ऐसा युद्ध था जिसमें आमने-सामने की लड़ाई बहुत कम थी। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन अभी आधिकारिक रूप से खत्म नहीं हुआ है।
उन्होंने पीएम मोदी द्वारा घोषित ‘सुदर्शन चक्र’ वायु रक्षा प्रणाली की भी चर्चा की, जिसे 2035 तक पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली ‘तलवार’ और ‘ढाल’ दोनों का काम करेगी, जिससे भारत की वायु रक्षा और भी मजबूत होगी।
राष्ट्र की सुरक्षा के नए खतरे
गोरखपुर विश्वविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग के आचार्य प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा में अब नए और अमूर्त खतरे भी पैदा हो गए हैं, जैसे साइबर हमले। उन्होंने कहा कि भारत में प्रति मिनट 761 साइबर हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अब साहसिक फैसलों और पराक्रम की जरूरत है।

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