
भारत के अग्रणी उद्योगपति गौतम अदाणी ने शनिवार को भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मुलाकात की, जिसने दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में एक नई और महत्वपूर्ण साझेदारी की शुरुआत की है। इस मुलाकात के बाद, अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने इस बैठक को अपने लिए एक बहुत बड़ा सम्मान बताया, क्योंकि कंपनी का लक्ष्य पड़ोसी देश में ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदारी को मजबूत करना है। इस बैठक में, अदाणी पावर और भूटान की सरकारी स्वामित्व वाली बिजली उत्पादन कंपनी ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्प लिमिटेड (डीजीपीसी) ने मिलकर भूटान में 570 मेगावाट की वांगछू जलविद्युत परियोजना स्थापित करने के लिए एक ऐतिहासिक शेयरधारक समझौते (एसएचए) पर हस्ताक्षर किए।
यह समझौता भारत और भूटान के बीच स्वच्छ ऊर्जा सहयोग में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह परियोजना वांगछू नदी पर स्थापित की जाएगी और इसका उद्देश्य भूटान की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना और भारत को अतिरिक्त बिजली निर्यात करना है। इस साझेदारी से दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक संबंध और भी मजबूत होंगे, खासकर रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में।
परियोजना का मॉडल और निवेश का ब्यौरा
समझौते के तहत, अदाणी पावर और डीजीपीसी ने वांगछू जलविद्युत परियोजना के लिए रियायत समझौते (सीए) पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिसने परियोजना को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ कर दिया है। यह परियोजना बीओओटी (बिल्ड, ओन, ऑपरेट, ट्रांसफर) मॉडल पर आधारित होगी, जिसका अर्थ है कि अदाणी समूह शुरुआती चरण में परियोजना का निर्माण करेगा, इसका स्वामित्व रखेगा, इसे संचालित करेगा और फिर एक निश्चित अवधि के बाद इसका हस्तांतरण भूटान सरकार को कर देगा। यह मॉडल अंतरराष्ट्रीय साझेदारी परियोजनाओं के लिए एक मानक और प्रभावी तरीका है।

इस परियोजना में रिन्यूएबल एनर्जी पावर प्लांट और संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के लिए लगभग 60 अरब रुपए का निवेश होने की उम्मीद है। यह एक महत्वपूर्ण वित्तीय प्रतिबद्धता है जो अदाणी समूह के भूटान में दीर्घकालिक निवेश के प्रति विश्वास को दर्शाती है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पहले ही पूरी हो चुकी है, और निर्माण कार्य 2026 की पहली छमाही तक शुरू होने की उम्मीद है। इसे शिलान्यास के पांच वर्षों के भीतर पूरा करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है, जो परियोजना के त्वरित निष्पादन पर जोर देता है।
अदाणी और तोबगे की प्रतिक्रिया
इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बाद, दोनों नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी खुशी जाहिर की। गौतम अदाणी ने लिखा, “भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मिलना और अदाणी समूह और भूटान के ऊर्जा क्षेत्र के बीच एक बहुत ही महत्वपूर्ण साझेदारी की शुरुआत करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात थी।”
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने भी अपनी पोस्ट में इस साझेदारी को भारत-भूटान स्वच्छ ऊर्जा सहयोग में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने लिखा, “आज शाम, मैं अदाणी पावर लिमिटेड और डीजीपीसी के बीच 570 मेगावाट की वांगछू जलविद्युत परियोजना के समझौते पर हस्ताक्षर का साक्षी बना, जो भूटान-भारत स्वच्छ ऊर्जा सहयोग में एक मील का पत्थर है।”
भूटान के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम
यह परियोजना भूटान के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश अगले दशक में एक हाई इनकम ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस (जीएनएच) देश बनने का प्रयास कर रहा है। जलविद्युत और सौर ऊर्जा जैसे रिन्यूएबल एनर्जी संसाधनों से विश्वसनीय और सस्ती बिजली तक पहुंच भूटान के आर्थिक विकास को गति देने और अन्य निवेशों को सक्षम बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगी। यह परियोजना न केवल भूटान की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि इसे बिजली निर्यात के माध्यम से राजस्व अर्जित करने में भी मदद करेगी।
अदाणी के इस निवेश से भूटान में एक और बड़ी परियोजना, गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी (जीएमसी), को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। 2,500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले इस विशेष प्रशासनिक क्षेत्र की कल्पना भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने की थी। यह एक अभिनव शहरी विकास परियोजना है, जो आर्थिक विकास को माइंडफुलनेस, समग्र जीवन और सस्टेनेबिलिटी के साथ जोड़ती है। अदाणी समूह की ऊर्जा भागीदारी गेलेफू परियोजना के लिए आवश्यक बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, जिससे यह महत्वाकांक्षी परियोजना साकार हो सकेगी।
कुल मिलाकर, अदाणी समूह और भूटान के बीच यह साझेदारी दोनों पक्षों के लिए एक जीत की स्थिति है, जो भारत और भूटान के बीच सहयोग को और मजबूत करेगी और रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगी।

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