
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, राज्य सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक नई पहल शुरू की है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 250 वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन पूरे राज्य में इस योजना के बारे में जागरूकता फैलाएँगे। इस कार्यक्रम में दोनों उपमुख्यमंत्री, सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, समेत कई वरिष्ठ मंत्री भी मौजूद थे।
योजना का विवरण
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के प्रत्येक परिवार की एक महिला को अपनी पसंद का स्वरोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक मदद देना है।
प्रथम चरण: सबसे पहले, सरकार महिलाओं को ₹10,000 की शुरुआती आर्थिक सहायता देगी।
द्वितीय चरण: रोजगार शुरू करने के बाद, सरकार द्वारा आकलन किया जाएगा और उसके आधार पर ₹2 लाख तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
यह पूरी प्रक्रिया डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से होगी, जिससे पैसा सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में पहुँचेगा और पूरी पारदर्शिता बनी रहेगी। इस योजना के तहत महिलाओं को केवल आर्थिक मदद ही नहीं, बल्कि प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वे सफलतापूर्वक अपना व्यवसाय चला सकें।

सरकार और नेताओं की प्रतिक्रिया
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस योजना के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए लिखा, “हर घर की महिला को ₹10,000 से ₹2 लाख। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से बिहार के हर घर में महिलाओं के पास होंगे स्वरोजगार के अवसर। एनडीए सरकार ₹10,000 से ₹2 लाख तक की मदद देगी।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस कार्यक्रम की शुरुआत के बाद सीवान के लिए प्रस्थान किया, जहाँ वे ₹558 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। वे जीविका दीदी से भी मिलेंगे और लाभार्थियों को चेक वितरित करेंगे। इस तरह, सरकार का ध्यान न केवल नई योजनाओं की शुरुआत पर है, बल्कि मौजूदा योजनाओं को मजबूत करने पर भी है।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



