
बिहार सरकार में मंत्री नीतीश मिश्रा ने रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 20 वर्षों के शासन की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अंधेरे में डूबे बिहार को उजाले की ओर ले जाने का काम किया है। इस मौके पर मिश्रा की किताब ‘बिहार है तैयार: बदलाव की एक यात्रा 2005-2025’ का विमोचन भी किया गया।
बिहार की विकास यात्रा पर केंद्रित किताब
मंत्री नीतीश मिश्रा द्वारा लिखी गई इस किताब में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पिछले दो दशकों के दौरान हुए बदलावों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। मिश्रा ने बताया कि पुस्तक में 2005 से 2025 तक बिहार में आए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तनों के साथ-साथ भविष्य की संभावनाओं और विकसित भारत में बिहार के योगदान को रेखांकित किया गया है।
उन्होंने कहा कि किताब केवल आंकड़ों का संग्रह नहीं है, बल्कि इसमें उनके व्यक्तिगत अनुभव भी शामिल हैं। खासतौर पर 1990 के दशक के उस कठिन दौर का जिक्र किया गया है जब बिहार की बुनियादी संरचना चरमराई हुई थी, कानून-व्यवस्था बदहाल थी और राज्य को पिछड़ेपन का प्रतीक माना जाता था।
अंधेरे से उजाले तक की कहानी
मंत्री मिश्रा ने कहा, “यह किताब पाठकों को याद दिलाएगी कि किस तरह 2005 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक अंधेरे में डूबा हुआ बिहार मिला था। उस समय हर क्षेत्र में चुनौतियां थीं, लेकिन उनके नेतृत्व ने राज्य को न केवल बाहर निकाला, बल्कि विकास की राह पर भी अग्रसर किया।”
उन्होंने यह भी कहा कि आज बिहार बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व बदलाव देख रहा है। यही कारण है कि उन्होंने इस पुस्तक का शीर्षक ‘बिहार है तैयार’ रखा है, जो भविष्य की संभावनाओं और आत्मविश्वास का संदेश देता है।
निवेश और रोजगार पर विशेष फोकस
मंत्री मिश्रा ने अपनी पुस्तक में बिहार में बढ़ते निवेश और रोजगार के अवसरों पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा कि उद्योगों और नई परियोजनाओं से युवाओं को बेहतर अवसर मिल रहे हैं। आने वाले समय में राज्य देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने की स्थिति में होगा।
उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में उनके 25 वर्षों के चुनावी राजनीति के अनुभव को सरल और सहज भाषा में लिखा गया है ताकि आम लोग भी बिहार की यात्रा और उसकी चुनौतियों को समझ सकें। मिश्रा ने उम्मीद जताई कि यह पुस्तक युवाओं को प्रेरित करेगी और उन्हें राज्य के विकास में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करेगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया
पुस्तक विमोचन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक बिहार की विकास यात्रा को वर्ष 2005 से 2025 तक की कालावधि में समाहित करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इसमें उल्लेख है कि किस प्रकार दूरदर्शी नेतृत्व, ईमानदार प्रशासन और बिहारी जनता की अटूट इच्छाशक्ति ने बीते दो दशकों में राज्य में सकारात्मक बदलाव की ऐतिहासिक यात्रा को संभव बनाया। यह किताब आने वाली पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा का स्रोत साबित होगी।”
पिछड़ेपन से प्रगति की ओर
पुस्तक में विस्तार से बताया गया है कि कैसे बिहार ने अपनी पिछली छवि को पीछे छोड़ते हुए प्रगति की ओर कदम बढ़ाए। बिजली, सड़क, पुल और स्वास्थ्य सेवाओं में हुए सुधार को इसमें प्रमुखता से रेखांकित किया गया है। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में लागू की गई योजनाओं और महिलाओं की भागीदारी को भी इसमें स्थान मिला है।
मंत्री मिश्रा ने कहा कि उनका प्रयास है कि पाठक इस पुस्तक के माध्यम से समझ सकें कि बिहार ने किन कठिन परिस्थितियों से निकलकर विकास की राह पकड़ी है।
जनता की भागीदारी पर जोर
उन्होंने कहा कि केवल सरकार की नीतियों से बदलाव संभव नहीं होता। आम जनता की भागीदारी, उनकी मेहनत और बदलने की इच्छाशक्ति ने बिहार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। यही वजह है कि आज राज्य को विकसित भारत की अवधारणा में एक महत्वपूर्ण भागीदार माना जा रहा है।
‘बिहार है तैयार: बदलाव की एक यात्रा 2005-2025’ केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि बिहार की उस गाथा का दस्तावेज है जिसमें अंधेरे से उजाले तक की ऐतिहासिक यात्रा को दर्ज किया गया है। मंत्री नीतीश मिश्रा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों का मानना है कि यह बदलाव आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा और बिहार को विकासशील से विकसित राज्य की श्रेणी में लाने की दिशा में यह एक मजबूत आधार साबित होगा।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



