
पश्चिम बंगाल की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि बंगाल में बढ़ती घुसपैठ और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के पीछे ममता सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं।
सीमा सुरक्षा और घुसपैठ का मुद्दा
जगन्नाथ सरकार ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सीमा बांग्लादेश से लगती है और कई हिस्सों में आज भी बाड़बंदी अधूरी है। इस कारण घुसपैठ की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि- “बंगाल सरकार, विशेष रूप से ममता बनर्जी, राष्ट्र-विरोधी ताकतों को बढ़ावा दे रही हैं। अधिकांश अशांति और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां इसी क्षेत्र से शुरू होती हैं।”
भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि प्रशासन ने रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों को फर्जी वोटर कार्ड जारी किए हैं, जिससे उन्हें मतदान का अधिकार मिल गया है। उनके मुताबिक, ऐसे लोगों को हटाया जाना चाहिए था, लेकिन इसके उलट, ममता बनर्जी इनके समर्थन के बल पर चुनाव दर चुनाव जीत हासिल कर रही हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव पर भाजपा का दावा
जगन्नाथ सरकार ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव पर भी विश्वास जताया। उन्होंने कहा कि एनडीए उम्मीदवार की जीत निश्चित है।
उन्होंने कहा- “हमारे पास ज्यादा सांसद हैं। वोट मांगना सभी का अधिकार है, यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है। विपक्ष चाहे जितना भी प्रयास कर ले, हमें पूरा भरोसा है कि एनडीए उम्मीदवार जीत हासिल करेगा।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दल भी उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपनी रणनीति तेज कर रहे हैं। भाजपा सांसद का यह विश्वास साफ तौर पर पार्टी की मौजूदा राजनीतिक बढ़त और संसदीय ताकत पर आधारित है।
पीएम मोदी की सादगी की मिसाल
जगन्नाथ सरकार ने हाल ही में संसद परिसर स्थित जीएमसी बालयोगी सभागार में आयोजित भाजपा कार्यशाला का भी जिक्र किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सादगी को विशेष रूप से रेखांकित किया।
उन्होंने कहा- “पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था, वह मेरे पीछे बैठे थे। प्रधानमंत्री का यही स्वभाव है। वह देश के लिए दिन-रात काम करते हैं, लेकिन कभी व्यक्तिगत श्रेय नहीं लेते। उनकी सादगी ही उन्हें जनता से जोड़ती है।”
दरअसल, रविवार को हुई इस कार्यशाला में प्रधानमंत्री मोदी ने अंतिम पंक्ति में बैठने का विकल्प चुना था। यह दृश्य सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया, जहां लोगों ने इसे पीएम मोदी की विनम्रता और आम सांसद की तरह आचरण करने का प्रतीक बताया।
जीएसटी सुधारों पर सर्वसम्मति
इस कार्यशाला में केंद्र सरकार की उपलब्धियों और आगामी रणनीति पर भी चर्चा हुई। खास तौर पर, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों को लेकर एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। भाजपा नेताओं का कहना है कि जीएसटी ने देश में कर व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाया है, जिससे राज्यों की आय में भी वृद्धि हुई है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और सियासी मायने
जगन्नाथ सरकार के बयान केवल स्थानीय राजनीति तक सीमित नहीं माने जा रहे, बल्कि इनका सीधा संबंध 2024 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से भी जोड़ा जा रहा है। भाजपा लगातार बंगाल में टीएमसी सरकार पर घुसपैठ और कानून व्यवस्था को लेकर हमलावर रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा सांसद के इस बयान का मकसद न केवल टीएमसी पर दबाव बनाना है, बल्कि राज्य के मतदाताओं, खासकर सीमावर्ती जिलों के लोगों तक यह संदेश पहुंचाना भी है कि भाजपा इस मुद्दे पर गंभीर है।
भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार के आरोपों से पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। एक ओर भाजपा इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और लोकतांत्रिक व्यवस्था की चुनौती बता रही है, तो दूसरी ओर टीएमसी इसे महज राजनीतिक बयानबाजी कहकर खारिज कर सकती है।
फिलहाल, उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारियों और प्रधानमंत्री मोदी की सादगी की मिसाल ने भाजपा की राजनीतिक रणनीति को और मजबूती दी है। आने वाले दिनों में देखना होगा कि भाजपा सांसद के आरोपों पर ममता बनर्जी और उनकी पार्टी क्या प्रतिक्रिया देती है और यह मुद्दा राज्य की राजनीति को किस दिशा में ले जाता है।

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