
भारत में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और प्रामाणिकता बनाए रखने के लिए, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 12 सितंबर को, नई दिल्ली में चुनाव आयोग द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) के कार्यालयों के मीडिया एवं संचार अधिकारियों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसका उद्देश्य चुनाव से जुड़ी गलत सूचनाओं और फर्जी खबरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करना है।
सीईओ कार्यालयों के मीडिया अधिकारियों को किया गया प्रशिक्षित
चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के माध्यम से इस कार्यशाला की जानकारी दी। इस कार्यशाला में 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सीईओ कार्यालयों से मीडिया नोडल अधिकारियों (एमएनओ) और सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों (एसएमएनओ) ने भाग लेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्तों डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत में चुनाव संविधान के नियमों और क़ानूनों के अनुसार ही हों, और यह भी कि चुनाव से संबंधित सभी जानकारी सही समय पर और व्यवस्थित तरीक़े से लोगों तक पहुँचे। हाल के दिनों में चुनावी प्रक्रियाओं को लेकर जनता के बीच ग़लत सूचनाओं के प्रसार में वृद्धि हुई है, जिससे निपटने के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गई है। इसका लक्ष्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संचार तंत्र को मजबूत करना है ताकि वे तथ्यों पर आधारित जानकारी के साथ भ्रामक सूचनाओं का जवाब दे सकें।
फ़ेक न्यूज़ का मुकाबला करने के लिए रणनीति
यह कार्यशाला 9 अप्रैल और 5 जून को भारतीय अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में पहले आयोजित किए गए दो अभिविन्यास कार्यक्रमों से प्राप्त अनुभवों को भी मजबूत करेगी। इसका लक्ष्य एक ऐसी रणनीति बनाना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मतदाताओं और अन्य हितधारकों को समय पर, सही और प्रामाणिक जानकारी मिले, और वे ग़लत ख़बरों से गुमराह न हों। यह पहल न सिर्फ़ लोकतंत्र की नींव को मज़बूत करेगी, बल्कि मतदाताओं के विश्वास को भी बढ़ाएगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारियों का सम्मेलन
कार्यशाला से ठीक एक दिन पहले, दिल्ली के आईआईआईडीईएम में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों का एक सम्मेलन भी हुआ था। इस सम्मेलन में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और अन्य चुनाव आयुक्तों की उपस्थिति में महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दों पर चर्चा की गई। ऐसे सम्मेलनों और कार्यशालाओं का आयोजन यह दर्शाता है कि चुनाव आयोग पारदर्शिता, विश्वसनीयता और सूचना के सही प्रवाह को लेकर कितना गंभीर है।
यह पहल भारतीय चुनावों को और अधिक निष्पक्ष और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जहाँ हर वोटर सही और सटीक जानकारी के आधार पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेगा।

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