
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि भारतीयता के भाव के कारण ही हम सभी चुनौतियों के बावजूद एकजुट हैं। उन्होंने इंग्लैंड के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के उस कथन का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि आजादी के बाद भारत टिक नहीं पाएगा और टुकड़ों में बंट जाएगा। डॉ. भागवत ने कहा कि चर्चिल की भविष्यवाणी गलत साबित हुई है। आज हम न सिर्फ एकजुट हैं, बल्कि आगे बढ़ रहे हैं और जो कभी बंट गए थे, उन्हें भी हम मिला लेंगे।
डॉ. भागवत रविवार को इंदौर में नर्मदाखंड सेवा संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल की पुस्तक ‘परिक्रमा एक सार’ के विमोचन के अवसर पर आयोजित किया गया था। अपने संबोधन में उन्होंने अखंड भारत और भारतीय दर्शन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन में निहित न्याय, कर्म और भक्ति के संतुलन को हमारे पूर्वजों ने विभिन्न पंथों और संप्रदायों के माध्यम से समझाया है। इसी आस्था और विश्वास पर हमारा देश चल रहा है, जिसके कारण सभी नकारात्मक भविष्यवाणियां झूठी साबित हुई हैं।
सरसंघचालक ने पिछले दो हजार वर्षों में आई विकृतियों का जिक्र करते हुए कहा कि पहले हर राष्ट्र की अपनी पहचान और आपस में संवाद था, जो अब नहीं है। उन्होंने कहा कि ज्ञान और विकास तो हुआ है, मनुष्य उन्नत भी बना है, लेकिन अब आपस में सामंजस्य नहीं रह गया है।

शताब्दी वर्ष पर दिखेगी ‘संघ शक्ति’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, जिसका नाम ‘संघ शक्ति’ है। इस अवसर पर देशभर में 90 हजार स्थानों पर विभिन्न आयोजन किए जाएंगे, जिनमें 60 लाख स्वयंसेवकों के साथ समाज के लाखों लोग शामिल होंगे।
2 अक्टूबर को पथ संचलन
2 अक्टूबर को एक ही समय पर और एक ही दिशा में देशभर में पथ संचलन निकाला जाएगा। शताब्दी वर्ष में यह संघ शक्ति का अब तक का सबसे बड़ा दृश्य होगा। हालांकि, कुछ विशेष स्थानों पर 22 सितंबर से ही इससे जुड़े आयोजन शुरू हो जाएंगे और 5 अक्टूबर तक चलेंगे। मुख्य आयोजन नागपुर में होगा, जहां शस्त्र पूजा के बाद पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की उपस्थिति में सरसंघचालक मोहन भागवत का उद्बोधन होगा।

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