
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की 23 महीने बाद हुई रिहाई पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने खुशी जताई है। उन्होंने इस मौके पर न केवल न्यायालय का आभार व्यक्त किया, बल्कि योगी सरकार पर भी जमकर हमला बोला। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर भविष्य में सपा की सरकार बनती है, तो वे आजम खान पर दर्ज सभी “फर्जी” मामलों को वापस ले लेंगे।
न्यायपालिका पर जताया भरोसा
मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने आजम खान की रिहाई पर कहा, “सपा नेता आजम खान जेल से रिहा हो गए हैं। इसके लिए मैं कोर्ट का धन्यवाद करता हूं। हम समाजवादी लोग विश्वास करते थे कि कोर्ट न्याय करेगा।” उन्होंने कहा कि यह समाजवादी पार्टी के लिए एक खुशी का दिन है, क्योंकि आजम खान को झूठे केस में फंसाया गया था। अखिलेश ने यह भी उम्मीद जताई कि भविष्य में भाजपा सरकार उनके खिलाफ कोई नया मामला दर्ज नहीं करेगी।
योगी सरकार पर तीखा हमला
अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, “जिस तरह से मुख्यमंत्री ने खुद पर और डिप्टी सीएम के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए हैं, उसी तरह सपा सरकार बनने पर आजम खान के खिलाफ सभी फर्जी केस को वापस लेने का काम किया जाएगा।” यह बयान एक राजनीतिक संदेश है कि सपा अपने प्रमुख नेता के साथ पूरी तरह से खड़ी है और उनके साथ हुए अन्याय को चुनावी मुद्दा बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ेगी।

रिहाई में आया नया पेंच
आजम खान की रिहाई की प्रक्रिया में एक बार फिर कानूनी अड़चन आ गई थी। मंगलवार सुबह उनकी रिहाई होनी थी, लेकिन बेल बॉन्ड में उनके पते की गलती पाए जाने के कारण रिहाई रुक गई। हालांकि, दोपहर में कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद वह कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से बाहर निकले।
आजम खान अक्टूबर 2023 से सीतापुर जेल में बंद थे। उनके खिलाफ 72 मामले दर्ज थे, जिनमें से हाल ही में उन्हें क्वालिटी बार लैंड ग्रैब केस में भी जमानत मिली थी। इन सभी मामलों में जमानत मिलने के बाद ही उनकी रिहाई संभव हो पाई।
आज़म खान की अहम भूमिका
अखिलेश यादव ने आजम खान को सपा का एक महत्वपूर्ण नेता बताया और कहा कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई में उनकी भूमिका काफी अहम रही है। यह बयान दर्शाता है कि आने वाले चुनावों में आजम खान की रिहाई सपा के लिए एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकती है। यह सपा के लिए एक मजबूत संदेश है कि पार्टी अपने नेताओं के साथ खड़ी है, भले ही उन्हें कितने भी कठिन समय से क्यों न गुजरना पड़े।
इस रिहाई से न केवल सपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई हलचल भी पैदा हुई है। आजम खान की वापसी से सपा की रणनीति में क्या बदलाव आएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।

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