
अमरावती: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को विधानसभा में एक अनोखी चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली और फिटनेस की जमकर तारीफ की। स्वास्थ्य सेवाओं पर बहस के दौरान, नायडू ने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने कभी छुट्टी नहीं ली, उसी तरह उन्होंने भी अपने राजनीतिक जीवन में कभी एक दिन की छुट्टी नहीं ली है। यह टिप्पणी एक ऐसे समय में आई है जब दोनों नेता मिलकर आंध्र प्रदेश के विकास के लिए काम कर रहे हैं।
पीएम मोदी की ऊर्जा और फिटनस पर नायडू का बयान
मुख्यमंत्री नायडू ने प्रधानमंत्री की असाधारण ऊर्जा और समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी 75 साल के हैं और मुझसे छह महीने छोटे हैं, लेकिन वह विदेश से लौटने के बाद भी अगली सुबह 4-5 राज्यों का दौरा करते हैं। वह हर दिन पूरी ऊर्जा से काम करते हैं।” नायडू ने इसे एक प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत किया और अपनी भी इसी तरह की कार्यशैली का जिक्र किया। इस टिप्पणी से यह स्पष्ट हुआ कि नायडू अपनी और पीएम मोदी की कार्य नैतिकता को एक समान मानते हैं।
नायडू ने इस दौरान स्वास्थ्य के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “खाना ही दवा है और रसोई ही फार्मेसी है। अगर हम इसे अपनाएं तो बहुत हद तक बीमारियों से बच सकते हैं।” उन्होंने मज़ाकिया लहजे में यह भी कहा कि आजकल लोग 40 साल की उम्र में ही 120 साल का खाना खा लेते हैं, जो कई बीमारियों का कारण बन रहा है। इस टिप्पणी पर विधानसभा में ठहाके गूंज उठे, और उन्होंने उपाध्यक्ष रघु रामकृष्ण राजू की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह बात उन पर भी लागू होती है।

सी-सेक्शन ऑपरेशन पर गंभीर चिंता
अपने भाषण के दौरान, नायडू ने आंध्र प्रदेश में बढ़ते सी-सेक्शन (C-Section) ऑपरेशनों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि राज्य में 56.62 प्रतिशत डिलीवरी सी-सेक्शन से हो रही हैं, जो देश में सबसे ज्यादा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इनमें से 90 प्रतिशत ऑपरेशन निजी अस्पतालों में हो रहे हैं, जहाँ पैसे के लालच में डॉक्टर सामान्य प्रसव को हतोत्साहित कर रहे हैं और ऑपरेशन को बढ़ावा दे रहे हैं।
नायडू ने स्वास्थ्य मंत्री सत्य कुमार यादव को इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मंत्री को निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हें सख्त संदेश देना चाहिए कि सरकार इस प्रवृत्ति का समर्थन नहीं करती। मुख्यमंत्री ने कहा, “ऑपरेशन आखिर ऑपरेशन ही होता है। भगवान ने जो शरीर दिया है, उसे बिना कारण काटना सही नहीं है।”
उन्होंने इस बात पर भी सहमति जताई कि कुछ परिवार ज्योतिषियों की सलाह पर डिलीवरी की तारीख पहले से ही ‘शुभ मुहूर्त’ के अनुसार तय कर रहे हैं, जो गर्भावस्था के प्राकृतिक चक्र में हस्तक्षेप है। यह टिप्पणी समाज में बढ़ती अंधविश्वास और वैज्ञानिक सोच की कमी को भी उजागर करती है।

विपक्षी आरोपों को खारिज किया, वाईएसआरसीपी पर हमला
मुख्यमंत्री नायडू ने विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने वाईएसआरसीपी के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि सरकार मेडिकल कॉलेजों का निजीकरण कर रही है। नायडू ने स्पष्ट किया कि सरकार मेडिकल कॉलेजों का निजीकरण नहीं कर रही, बल्कि पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत उन्हें विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है।
उन्होंने वाईएसआरसीपी पर सदन में चर्चा से भागने और बाहर बैठकर “झूठा प्रचार” करने का आरोप लगाया। नायडू ने कहा, “सिर्फ झूठ फैलाकर राजनीति नहीं की जा सकती। हम जनता के हित में काम कर रहे हैं और इसमें कोई समझौता नहीं होगा।” यह बयान वाईएसआरसीपी पर एक सीधा राजनीतिक हमला था, जो आंध्र प्रदेश की राजनीति में दोनों प्रमुख दलों के बीच की गहरी प्रतिद्वंद्विता को दर्शाता है। नायडू का यह रुख स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि उनकी सरकार विकास के एजेंडे पर आगे बढ़ेगी और विपक्ष के आरोपों से प्रभावित नहीं होगी।

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