
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, कांग्रेस पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई, कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC), की एक महत्वपूर्ण बैठक बुधवार को पटना के प्रतिष्ठित सदाकत आश्रम में होने जा रही है। इस बैठक को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘ऐतिहासिक’ बताया है, जो आगामी चुनावों में कांग्रेस की रणनीति और दिशा को तय करेगी। इस बैठक में पार्टी के सभी बड़े नेता शामिल होंगे, जो बिहार में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के प्रयासों पर विचार-विमर्श करेंगे।
बिहार की विरासत और कांग्रेस का जुड़ाव
बैठक से एक दिन पहले, केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस बैठक के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बिहार का कांग्रेस की विरासत में हमेशा से एक अहम स्थान रहा है, और कल की विस्तारित सीडब्ल्यूसी बैठक में यही विरासत केंद्र में होगी।
वेणुगोपाल ने बिहार के ऐतिहासिक महत्व को याद दिलाया, जिसमें महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह से लेकर डॉ. राजेंद्र प्रसाद और बाबू जगजीवन राम जैसे राष्ट्रीय नेताओं की जन्मभूमि होना शामिल है। उन्होंने कहा, “बिहार एक बार फिर दो राहों पर खड़ा है। एक ओर आशा, सामाजिक न्याय और विकास की राजनीति है और दूसरी ओर नफरत, हिंसा, बेरोजगारी और संविधान के विनाश की राजनीति है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह बैठक एक स्पष्ट संदेश है कि कांग्रेस बिहार के लोगों के साथ खड़ी है।
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब बिहार में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं और सभी दल चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। कांग्रेस इस बैठक के जरिए न केवल अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना चाहती है, बल्कि मतदाताओं को भी यह संदेश देना चाहती है कि वह राज्य में एक मजबूत और विश्वसनीय विकल्प के रूप में उभर रही है।

भाजपा पर वेणुगोपाल का हमला: ‘वोट चोरी’ का आरोप
केसी वेणुगोपाल ने इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)’ प्रक्रिया को भाजपा ने बिगाड़ दिया है। वेणुगोपाल ने इसे भाजपा की ‘वोट चोरी’ रणनीति का हिस्सा बताते हुए कहा कि भाजपा चुनावों में धांधली के जरिए लोकतंत्र को कमजोर कर रही है।
उन्होंने राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं द्वारा निकाली गई ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की भी सराहना की, जिसने चुनावी धांधली के खिलाफ जनता में जागरूकता पैदा की। यह यात्रा भाजपा की कथित चुनावी धांधली का मुकाबला करने और मतदाताओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

बैठक में 170 से अधिक नेता, महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा
इस ऐतिहासिक बैठक में 170 से अधिक नेता शामिल होंगे, जिनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी जैसे शीर्ष नेता शामिल हैं। इसके अलावा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवन्त रेड्डी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, सचिन पायलट, शशि थरूर आदि भी मौजूद रहेंगे। यह नेताओं का जमावड़ा इस बात को दर्शाता है कि कांग्रेस बिहार चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रही है।
बैठक में महंगाई, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा और चुनावी सुधार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किए जाने की संभावना है। ये मुद्दे कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र का आधार बन सकते हैं। इसके अलावा, सबसे अहम मुद्दा ‘इंडिया’ गठबंधन के साथ सीट बंटवारे की रणनीति पर भी चर्चा होगी। कांग्रेस को बिहार में अपने गठबंधन सहयोगियों, विशेषकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और वाम दलों के साथ सीट बंटवारे को अंतिम रूप देना है, जो चुनाव में एक सफल रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है। यह बैठक इन सभी मुद्दों पर पार्टी की अंतिम रणनीति को आकार देगी और बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस का रोडमैप तैयार करेगी।

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