
भारतीय जनता पार्टी की नेता अपर्णा यादव ने हाल ही में कानपुर और वाराणसी में लगे पोस्टरों को लेकर उठे विवाद पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति धर्म के नाम पर अराजकता फैलाने की कोशिश करेगा तो उसे सीधे जेल भेजा जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार हर परिस्थिति पर नजर रख रही है और किसी को भी देश का माहौल बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पोस्टर विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया
कानपुर में लगे ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टरों से शुरू हुआ विवाद अब राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। इसके जवाब में वाराणसी में ‘आई लव महादेव’ के पोस्टर लगाए गए, जिसके बाद सियासी हलचल तेज हो गई। इस मुद्दे पर अपर्णा यादव ने कहा, “वाराणसी महादेव की नगरी है। महादेव सभी के प्रिय हैं। यहां महादेव के पोस्टर लगाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, लेकिन किसी भी तरह की अराजकता अस्वीकार्य है। जो भी व्यक्ति देश के माहौल को खराब करने का प्रयास करेगा, सरकार उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी।”
अपर्णा यादव ने यह भी जोड़ा कि समाज में धार्मिक सद्भावना और एकता बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। उनका कहना था कि ऐसी गतिविधियां जो दो समुदायों के बीच तनाव फैलाएं, उन्हें किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा।
पोषण माह और सेवा पखवाड़ा
भाजपा नेता ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से जुड़े सेवा पखवाड़ा और पोषण माह की चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह मानना है कि स्वस्थ भारत से ही विकसित भारत का निर्माण होगा। इसलिए सितंबर माह को पोषण को समर्पित किया गया है।
उन्होंने कहा, “सरकार बाजरा, रागी जैसे पौष्टिक अनाजों को बढ़ावा दे रही है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि उनकी थाली में विविधता हो और भोजन स्वच्छ व संतुलित हो। जब भोजन की गुणवत्ता अच्छी होगी तभी स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।”
अपर्णा यादव ने बताया कि सरकारी और गैर-सरकारी कार्यक्रमों के माध्यम से इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज ही विकास की राह प्रशस्त करता है और यही प्रधानमंत्री की प्राथमिकता है।

महिलाओं के स्वास्थ्य सुरक्षा पर पहल
वर्ल्ड फार्मासिस्ट-डे के अवसर पर उत्तर प्रदेश महिला आयोग द्वारा जारी नोटिफिकेशन का जिक्र करते हुए अपर्णा यादव ने महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता दिए जाने पर जोर दिया।
उन्होंने बताया कि आयोग ने एक टोल-फ्री नंबर 1800-180-3024 जारी किया है, जिस पर महिलाएं दवा से होने वाले प्रतिकूल प्रभाव की शिकायत दर्ज करा सकती हैं। अपर्णा यादव ने कहा, “इस नंबर का जिला स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए। यदि किसी महिला को दवा लेने के बाद समस्या होती है तो वह इस पर कॉल कर सकती है और सरकार तत्काल कार्रवाई करेगी।”
उन्होंने दवा उद्योग की खामियों की ओर भी इशारा किया। उनका कहना था कि कई डॉक्टर जेनेरिक दवाइयों की बजाय कंपनियों की महंगी ब्रांडेड दवाइयां लिखते हैं। इससे न केवल मरीजों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है बल्कि कई बार स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर भी देखने को मिलता है। उन्होंने सरकार की ओर से यह आश्वासन दिया कि इस क्षेत्र में पारदर्शिता और सख्ती लाई जाएगी।
लेह विरोध प्रदर्शन और राहुल गांधी पर निशाना
लेह में चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर भी अपर्णा यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कांग्रेस पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान पूरी तरह गलत था। उन्होंने बच्चों को भड़काया है। यह सब योजनाबद्ध तरीके से किया गया प्रतीत होता है। मुझे लगता है कि इसके पीछे कांग्रेस हो सकती है। आखिर भाजपा को ही क्यों निशाना बनाया गया? जो भी इसके पीछे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
अपर्णा यादव के बयानों से साफ है कि भाजपा किसी भी स्थिति में अराजकता को बढ़ावा देने वाली ताकतों को बख्शने के मूड में नहीं है। चाहे पोस्टर विवाद हो या महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा, या फिर स्वास्थ्य और पोषण जैसे अभियान—हर क्षेत्र में पार्टी अपनी सख्त और स्पष्ट नीति पर जोर दे रही है।
देश में चुनावी माहौल के बीच अपर्णा यादव के इन बयानों को न केवल एक राजनीतिक संदेश माना जा रहा है, बल्कि जनता को यह आश्वासन भी दिया जा रहा है कि सरकार की प्राथमिकता समाज में शांति, स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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