
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। एक ओर जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को पटना में महिला संवाद और मोतिहारी में जनसभा कर चुनावी बिगुल फूंका, वहीं दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा की चुनावी तैयारियों को धार देने के लिए पटना और बेतिया में पार्टी नेताओं के साथ अहम बैठकों का आयोजन किया।
पटना में भाजपा प्रदेश कार्यालय में रणनीतिक बैठक
शुक्रवार शाम गृह मंत्री अमित शाह पटना पहुंचे और सीधे भाजपा प्रदेश कार्यालय गए। वहां उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक में भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, सांसद, विधायक और कई अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।
बैठक में संगठन को मजबूत करने, उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया, प्रचार अभियान की दिशा और बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की सक्रियता जैसे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बैठक की जानकारी साझा करते हुए अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में लिखा, “गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में आयोजित प्रदेश पदाधिकारीगण एवं प्रवासी प्रभारी की बैठक अत्यंत सफल रही। यह संवाद संगठन की मजबूती और बिहार में एनडीए की ऐतिहासिक विजय के संकल्प को और सुदृढ़ करेगा।”
राष्ट्रीय नेतृत्व का मार्गदर्शन
बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी. एल. संतोष, बिहार प्रभारी विनोद तावड़े और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी भाग लिया। इन नेताओं ने कार्यकर्ताओं को चुनावी दिशा-निर्देश दिए और संगठनात्मक ढांचे को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया। अमित शाह ने स्पष्ट किया कि पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करना और हर विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना चुनावी सफलता की कुंजी होगी।

बेतिया में क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं से संवाद
पटना बैठक से पहले गृह मंत्री अमित शाह बेतिया पहुंचे, जहां उन्होंने चंपारण और सारण क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में इन क्षेत्रों के 10 संगठनात्मक जिलों के 45 विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक में सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य, जिला अध्यक्ष, कार्यसमिति सदस्य और विधानसभा प्रभारी उपस्थित रहे।
अमित शाह ने कार्यकर्ताओं से चुनावी तैयारियों की जानकारी ली और उन्हें बूथ स्तर पर सक्रिय रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा की मजबूती का आधार कार्यकर्ताओं की मेहनत और जनता से जुड़ाव है। शाह ने यह भी संकेत दिया कि पार्टी उम्मीदवारों के चयन में स्थानीय कार्यकर्ताओं की राय को प्राथमिकता दी जाएगी।

समस्तीपुर और अररिया का दौरा
गृह मंत्री अमित शाह का शनिवार को समस्तीपुर और अररिया जाने का कार्यक्रम है, जहां वे स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इन दौरों का उद्देश्य राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में संगठन की स्थिति को समझना और चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देना है।
भाजपा की सक्रियता बढ़ी
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अमित शाह का यह दौरा भाजपा की चुनावी सक्रियता को दर्शाता है। पार्टी नेतृत्व अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुका है और संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ विपक्षी दलों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। प्रियंका गांधी की बिहार यात्रा के जवाब में भाजपा का यह रणनीतिक कदम राज्य में चुनावी मुकाबले को और रोचक बना रहा है।

बिहार में चुनावी जंग का आगाज़
गृह मंत्री अमित शाह की बैठकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा बिहार में आगामी चुनावों को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। संगठनात्मक मजबूती, कार्यकर्ताओं की सक्रियता और नेतृत्व का मार्गदर्शन—इन तीनों स्तंभों पर पार्टी अपनी चुनावी रणनीति को आगे बढ़ा रही है। आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में और भी हलचल देखने को मिलेगी, जहां हर दल अपनी ताकत आजमाने को तैयार है।

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