
शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने शुक्रवार को ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान को लेकर गंभीर चिंता जताई और कहा कि यदि समय रहते इस अभियान को नियंत्रित नहीं किया गया, तो देश में सांप्रदायिक तनाव और दंगे जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने इस अभियान को सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने की साजिश करार देते हुए इसे तत्काल रोकने की मांग की।
सामाजिक प्रदूषण की आशंका
संजय निरुपम ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “आई लव मोहम्मद के नाम पर मुस्लिम युवाओं को भड़काने की कोशिश की जा रही है। यह हिंदुस्तान के सामाजिक वातावरण को खराब करने की साजिश है। अब इसे हाथ पर हाथ धरे बैठे देखा नहीं जा सकता।” उन्होंने आरोप लगाया कि इस अभियान के जरिए समाज में वैमनस्यता फैलाने की कोशिश हो रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
‘आई लव महाकाल’ अभियान का जवाब
निरुपम ने बताया कि संत समाज ने इस स्थिति को देखते हुए ‘आई लव महाकाल’ अभियान शुरू किया है, जो सनातन संस्कृति और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का प्रयास है। उन्होंने कहा, “भारत एक सनातनी देश है, जहां हिंदू समुदाय की बड़ी संख्या है। ऐसे में इस तरह के अभियान से सामाजिक संतुलन बिगड़ सकता है।”
अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर चेतावनी
शिवसेना प्रवक्ता ने यह भी कहा कि यदि अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से किसी प्रकार की हिंसक गतिविधियों की शुरुआत होती है, तो उससे समाज में स्थिति और अधिक प्रदूषित हो सकती है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से आग्रह किया कि इस प्रकार के अभियान पर सख्त निगरानी रखी जाए और आवश्यक कदम उठाए जाएं।
अमेरिका के टैरिफ फैसले पर आलोचना
संजय निरुपम ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने की भी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति को यह समझना होगा कि भारत पर लगाए गए टैरिफ का असर केवल भारत पर नहीं, बल्कि अमेरिका के उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा। भारत अमेरिका को कई ऐसी वस्तुएं भेजता है जो उनकी जरूरत की होती हैं। ऐसे में यह फैसला दोनों देशों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।”

महिला सशक्तीकरण पर जोर
निरुपम ने महिलाओं के सशक्तीकरण को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा महिलाओं के विकास को प्राथमिकता दी है। “जब महाराष्ट्र में चुनाव हुए थे, तब हमने महिलाओं के खाते में डायरेक्ट पैसे ट्रांसफर किए थे। हमारा सिद्धांत रहा है कि समाज का सर्वांगीण विकास महिलाओं के सशक्तीकरण के बिना संभव नहीं है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार की महिलाओं के खातों में सीधे ₹10,000 ट्रांसफर किए जाने की पहल का स्वागत किया और कहा कि यह कदम महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “इससे बिहार में एनडीए की जीत का मार्ग प्रशस्त होगा और जनता का रुझान एनडीए सरकार की ओर बढ़ा है।”
राजनीतिक संकेत और सामाजिक जिम्मेदारी
निरुपम के बयान से स्पष्ट है कि वे सामाजिक मुद्दों को लेकर गंभीर हैं और राजनीतिक नेतृत्व से अपेक्षा रखते हैं कि वह समय रहते हस्तक्षेप करे। ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान को लेकर उनकी चिंता इस बात की ओर इशारा करती है कि धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले किसी भी प्रयास को नजरअंदाज करना देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा बन सकता है।
सतर्कता और समरसता की जरूरत
संजय निरुपम के बयान ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या धार्मिक अभियानों के नाम पर समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने जिस तरह से ‘आई लव महाकाल’ अभियान को संतुलन के रूप में प्रस्तुत किया, वह दर्शाता है कि राजनीतिक दल अब सामाजिक समरसता को बनाए रखने के लिए वैकल्पिक पहल कर रहे हैं। ऐसे में सरकार और नागरिक समाज की जिम्मेदारी है कि वे सतर्क रहें और देश की एकता को बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभाएं।

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