
देश के महान स्वतंत्रता सेनानी और शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की जयंती के अवसर पर रविवार को पूरा राष्ट्र उन्हें नमन कर रहा है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके साहस, बलिदान तथा देश के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को याद किया। दोनों नेताओं ने कहा कि भगत सिंह का त्याग और उनकी विचारधारा हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
राहुल गांधी ने बताया साहस और संकल्प का प्रतीक
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदान को याद किया। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर उन्हें सादर नमन।”
राहुल गांधी ने भगत सिंह के बलिदान को याद करते हुए कहा, “मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने का उनका साहस, अटूट संकल्प और बलिदान हर भारतीय के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि भगत सिंह का जीवन न केवल आजादी की लड़ाई में एक मील का पत्थर है, बल्कि उनके त्याग की भावना आज भी हर नागरिक को प्रेरित करती है।
खड़गे ने उनकी ‘समानता और एकता’ की देशभक्ति को किया याद
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी भगत सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी देशभक्ति की विचारधारा पर प्रकाश डाला। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करते हुए महान क्रांतिकारी की प्रसिद्ध पंक्तियों को उद्धृत किया:
“दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उलफत। मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए वतन आएगी।”
खड़गे ने आगे लिखा कि देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले, महान स्वतंत्रता सेनानी, शहीद-ए-आजम भगत सिंह को वह श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं। उन्होंने भगत सिंह के सामाजिक विचारों पर जोर देते हुए कहा, “भगत सिंह ने नफरत और विभाजनकारी विचारधारा के खिलाफ लगातार लिखा और समाज में असमानता के विरोध में चिंता जताई।” खड़गे ने जोर देकर कहा कि उनकी देशभक्ति किसी विभाजन पर नहीं, बल्कि समानता और एकता के ऊपर केंद्रित थी, जो कि हर भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत रहेगी।
प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह ने भी किया नमन
इससे पहले, देश के दो शीर्ष नेताओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने भगत सिंह को एक ‘प्रेरणा पुंज’ बताया। उन्होंने कहा कि अमर शहीद भगत सिंह हर भारतवासी और खासकर युवाओं के लिए प्रेरणा पुंज हैं। प्रधानमंत्री ने भगत सिंह की निर्भीकता का जिक्र करते हुए उस पत्र को याद किया, जो उन्होंने फांसी से पहले अंग्रेजों को लिखा था। उन्होंने कहा, भगत सिंह ने मांग की थी कि उन्हें और उनके साथियों को युद्धबंदी जैसा व्यवहार दिया जाए और उनकी जान फांसी से नहीं, बल्कि गोली मारकर ली जाए, जो उनके अदम्य साहस को दर्शाता है।
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भगत सिंह को ‘महान स्वाधीनता सेनानी’ और ‘अनगिनत युवाओं के प्रेरणा स्रोत’ बताते हुए उन्हें कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से वंदन किया। गृह मंत्री ने कहा, “भगत सिंह ने अल्पायु में ही देश की आजादी को जीवन का संकल्प बना लिया था। उन्होंने युवाओं में देशभक्ति की भावना को गहरा बनाकर उन्हें स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा।” शाह ने कहा कि भगत सिंह अनंतकाल तक हर देशप्रेमी के लिए त्याग और समर्पण की प्रेरणा बने रहेंगे।
समूचे राजनीतिक पटल पर भगत सिंह को दी गई यह श्रद्धांजलि दर्शाती है कि उनका बलिदान और उनकी विचारधारा, जो कि समानता, एकता और निडर देशभक्ति पर आधारित थी, आज भी देश के हर नागरिक और नेता के लिए एक सर्वमान्य और अमूल्य धरोहर है। उनका जीवन युवा पीढ़ी को देश के प्रति निःस्वार्थ सेवा और समर्पण के लिए प्रेरित करता रहेगा।

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