
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के विकास में अहम योगदान देने वाले विजय कुमार मल्होत्रा का मंगलवार सुबह 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस लेने वाले मल्होत्रा के निधन से राजधानी के राजनीतिक, व्यापारिक और खेल जगत में शोक की लहर छा गई है। भाजपा नेताओं ने उनके निधन को दिल्ली और पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।
एम्स ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि “93 वर्षीय वरिष्ठ भाजपा नेता विजय कुमार मल्होत्रा को एम्स, नई दिल्ली में भर्ती कराया गया था, जहां 30 सितंबर की सुबह उनका निधन हो गया।”

दिल्ली के सच्चे मित्र और कुशल संगठनकर्ता
दिसंबर 1931 में लाहौर में जन्मे विजय कुमार मल्होत्रा का राजनीतिक करियर बेहद लंबा और प्रभावशाली रहा है। वह दिल्ली से पाँच बार सांसद और दो बार विधायक रह चुके थे।
भाजपा नेताओं ने मल्होत्रा के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रवीण खंडेलवाल ने मल्होत्रा को “दिल्ली का सच्चा मित्र और व्यापारियों का मसीहा” करार दिया। उन्होंने कहा, “मल्होत्रा जी ने दिल्ली के आधुनिक विकास की नींव रखी और राजधानी की प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया। वे व्यापारिक समुदाय के लिए हमेशा उपलब्ध रहते थे और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए संवेदनशील थे। उनका सहयोग व्यापारियों के लिए ताकत का स्रोत था।” खंडेलवाल ने उनके खेल प्रेम को भी याद किया और कहा कि खेलों के विकास में उनका योगदान हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाएगा।
भाजपा नेता मनोज सिंह बिष्ट ने मल्होत्रा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। बिष्ट ने उन्हें एक कुशल संगठनकर्ता बताया। उन्होंने कहा, “विजय कुमार मल्होत्रा दिल्ली भाजपा के पहले अध्यक्ष थे। वह कार्यकर्ताओं को जोड़ने में माहिर थे और हमेशा दिल्ली के विकास के बारे में सोचते थे। उनका निधन दिल्ली भाजपा और शहर के लिए बड़ा नुकसान है।” बिष्ट ने मुस्तफाबाद विधानसभा की जनता की ओर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

पार्टी और दिल्ली में निभाई अहम भूमिका
विजय कुमार मल्होत्रा का पार्टी संगठन में सक्रिय योगदान रहा। वह 1972 से 1975 तक दिल्ली जनसंघ के अध्यक्ष रहे। इसके बाद, उन्होंने दो बार भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष (1977-80 और 1980-84) के पद पर भी अपनी सेवाएं दीं। संगठन को मजबूत करने और दिल्ली में भाजपा की जड़ें जमाने में उनका महत्वपूर्ण रोल रहा।
उनके निधन से दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में एक युग का अंत हो गया है। नेताओं ने ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति और उनके परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।

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