
शिवसेना (यूबीटी) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने राज्य के कई जिलों में आई विनाशकारी बाढ़ को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल राहत पैकेज की मांग की है और आरोप लगाया है कि केवल चुनाव न होने के कारण महाराष्ट्र को नजरअंदाज किया जा रहा है। ठाकरे ने कहा कि मराठवाड़ा, विदर्भ और पश्चिम महाराष्ट्र के किसान बुरी तरह प्रभावित हैं, फसलें बर्बाद हो गई हैं और आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे संकट के समय केंद्र को तुरंत मदद करनी चाहिए थी।
मीडिया से बातचीत के दौरान, आदित्य ठाकरे ने जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पिछले 5-8 सालों में पूरे देशभर में इसकी भयावहता साफ दिख रही है, जिसकी चपेट में केरल, हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, और हैदराबाद आ चुके हैं, और अब महाराष्ट्र भी इससे जूझ रहा है। ठाकरे ने प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए एक बड़ी मांग रखी। उन्होंने कहा कि प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाना चाहिए और उनकी कर्जमाफी की जानी चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब चुनाव होते हैं, तभी केंद्र तुरंत राहत भेजता है, लेकिन इस बार चुनाव न होने की वजह से महाराष्ट्र को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है। यदि केंद्र के पास फंड नहीं है, तो प्रधानमंत्री राहत कोष से सहायता दी जानी चाहिए।
भारत-पाकिस्तान मैच के जश्न पर सवाल
आदित्य ठाकरे ने एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच में भारत की जीत के बाद हुए जश्न को लेकर भी तीखी आलोचना की। उन्होंने बीसीसीआई और भाजपा नेताओं को आड़े हाथों लिया। उन्होंने सवाल किया कि “जब पहलगाम में हमला हुआ और हमारे लोग शहीद हुए, तो क्या यही सेलिब्रेट करने का समय है?” उन्होंने आरोप लगाया कि बीसीसीआई और भाजपा के लोग पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी शाहिद अफरीदी के साथ बैठकर मैच देखते और जश्न मनाते हैं, जो देश के लिए शर्मनाक है।

ठाकरे ने कहा कि पाकिस्तान हमारे नागरिकों की जान लेता है, और हम उसके साथ क्रिकेट खेलकर जश्न मनाते हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने भाजपा पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया और पुरानी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पहले भी हिंदुओं पर अत्याचार होने की बात कहकर बांग्लादेश में सीरीज खेली गई थी। उन्होंने भाजपा से इस दोहरे मापदंड का जवाब देने की मांग की।
पुराने आतंकी हमले के बयान पर प्रतिक्रिया
राजनीतिक बयानबाजी के बीच, आदित्य ठाकरे ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के मुंबई आतंकी हमले (2008) को लेकर दिए गए हालिया बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। चिदंबरम ने कहा था कि आतंकी हमले के बाद उनके मन में बदला लेने का विचार आया था, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सैन्य कार्रवाई नहीं करने का फैसला लिया था।
इस बयान पर मचे बवाल पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि सालों पुराने मामलों में उलझने के बजाय आज की वर्तमान स्थिति पर बात होनी चाहिए। उन्होंने पुराने मुद्दों में उलझने के बजाय देश और राज्य के सामने खड़ी चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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