
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेश में जाकर भारत के लोकतंत्र पर टिप्पणी की है। उन्होंने कोलंबिया के ईआईए विश्वविद्यालय में एक संवाद कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा ‘लोकतंत्र पर हमला’ है। कांग्रेस सांसद ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि भारत में कई धर्म, परंपराएं और भाषाएं हैं, और लोकतांत्रिक प्रणाली इन सभी को स्थान देती है, लेकिन अभी भारत में लोकतंत्र पर हर तरफ से हमला हो रहा है।
राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वह लगातार केंद्र की सत्ताधारी पार्टी पर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने का आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत अपने सभी लोगों के बीच संवाद का केंद्र है और विभिन्न परंपराओं, धर्मों और विचारों को जगह देने का सबसे अच्छा तरीका लोकतांत्रिक व्यवस्था ही है, जिस पर वर्तमान में व्यापक हमला हो रहा है।
भारत की जटिल संरचना और वैश्विक भूमिका
भारत की वैश्विक भूमिका से जुड़े एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने भारत की जटिल और बहुलतावादी संरचना को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत की 1.4 अरब की आबादी में अपार संभावनाएं हैं, लेकिन भारत का ढांचा चीन से बिल्कुल अलग है।
उन्होंने चीन को केंद्रीकृत और एकरूप प्रणाली वाला देश बताया, जबकि भारत में अनेक भाषाएं, संस्कृतियां, परंपराएं और धर्म हैं, जो भारत की व्यवस्था को कहीं अधिक जटिल बनाते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत दुनिया को बहुत कुछ दे सकता है और वह इसको लेकर बहुत आशावादी हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि “भारतीय संरचना में भी कई कमियां हैं, कुछ जोखिम हैं, जिनसे भारत को पार पाना होगा। सबसे बड़ा जोखिम लोकतंत्र पर हो रहा हमला है।”
भारत-चीन-अमेरिका संबंधों पर विचार
इंजीनियरिंग के छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भारत की भौगोलिक और राजनीतिक स्थिति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत, चीन का पड़ोसी और अमेरिका का घनिष्ठ साझेदार है, और हम बिल्कुल उस जगह पर बैठे हैं, जहां ताकतें आपस में टकरा रही हैं।
उन्होंने अमेरिका के बारे में बात करते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ध्रुवीकरण अभियान ज्यादातर बेरोजगारों पर केंद्रित है। भारत में रोजगार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक विकास के बावजूद, हम रोजगार देने में असमर्थ हैं, क्योंकि “हमारी अर्थव्यवस्था सेवा-आधारित है और हम उत्पादन करने में असमर्थ हैं।” उनके इस बयान ने एक बार फिर देश की आर्थिक नीतियों और लोकतांत्रिक स्वास्थ्य को लेकर बहस छेड़ दी है।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



