
असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके पुत्र महान आर्यमन सिंधिया ने विशेष पूजा-अर्चना की, जिसमें सिंधिया राजघराने का राजशाही अंदाज़ दिखाई दिया।
यह पूजा सिंधिया राजवंश की ढाई सौ साल पुरानी परंपरा का हिस्सा है। इस परंपरा के अनुसार, सिंधिया राजवंश के प्रतिनिधि दशहरे के अवसर पर ग्वालियर के गोरखी स्थित देवघर पहुंचते हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और आर्यमन सिंधिया राजसी वेशभूषा पहनकर देवघर पहुंचे और करीब आधे घंटे तक पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने रियासतकालीन शस्त्र पूजन किया और महाआरती भी की।

राजदरबार में सरदारों ने किया स्वागत
पूजन के बाद, सिंधिया रियासतकालीन परंपरा के तहत राज दरबार लगाया गया। इस राजदरबार में सिंधिया रियासत के सरदारों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और आर्यमन सिंधिया का स्वागत किया। सिंधिया ने इस मौके पर रियासत के सरदारों और उनके परिवारों के सदस्यों से बातचीत भी की। जब केंद्रीय मंत्री अपने पुत्र के साथ गोरखी पहुंचे, तो वहाँ बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, जिन्होंने उन्हें दशहरे की शुभकामनाएं दीं।

प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं
दशहरे की विशेष पूजा के बाद, केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने संवाददाताओं से बातचीत की और प्रदेशवासियों तथा देशवासियों को दशहरे की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि “दशहरे का यह शुभ अवसर हमारे शहर के लिए, हमारे संभाग, प्रदेश और देश के लिए मंगलमय और विकासशील हो। साथ ही भगवान की कृपा बनी रहे, यही कामना करता हूँ।” इस प्रकार सिंधिया परिवार ने अपनी पुरानी राजशाही परंपरा को निभाते हुए दशहरे का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया।

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