
महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी ने भारी बारिश और बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित किसानों को तत्काल राहत प्रदान करने की मांग को लेकर शुक्रवार को राज्यव्यापी जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली महायुति सरकार केवल बयानबाजी में व्यस्त है, जबकि किसानों को अब तक कोई वास्तविक सहायता नहीं मिली है।
कांग्रेस ने राज्य सरकार से कई प्रमुख मांगें रखीं। इनमें तत्काल ‘आर्द्र सूखा’ (Wet Drought) घोषित करना, प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की सहायता राशि देना, सभी कृषि ऋण माफ करना, किसानों के बकाया बिजली बिल माफ करना और बाढ़ में बह गई कृषि भूमि के लिए अतिरिक्त मुआवजा देना शामिल है।
छत्रपति संभाजीनगर से चंद्रपुर तक आंदोलन
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन पूरे महाराष्ट्र में व्यापक रूप से फैला। छत्रपति संभाजीनगर में, जिला एवं शहर कांग्रेस कमेटियों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर बड़ा प्रदर्शन किया। इस मौके पर सांसद डॉ. कल्याण काले, जिला अध्यक्ष किरण पाटिल डोनगवकर, शहर अध्यक्ष शेख यूसुफ और अन्य प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने सरकार की निष्क्रियता पर कड़ा रोष व्यक्त किया।
वहीं, विदर्भ क्षेत्र में, चंद्रपुर की सांसद प्रतिभा धनोरकर के नेतृत्व में वारोरा में एक विशाल आंदोलन किया गया। किसानों और आम जनता की मांगों को लेकर नागपुर-चंद्रपुर हाईवे पर चक्का जाम किया गया। इस विरोध प्रदर्शन ने न केवल आम जनता, बल्कि सरकारी तंत्र का ध्यान भी आकर्षित किया।
चंद्रपुर में किसानों ने विशिष्ट फसलों के लिए विशेष मुआवजे की मांग उठाई। उन्होंने सोयाबीन किसानों के लिए विशेष पैकेज, कपास किसानों को प्रति हेक्टेयर 1 लाख रुपये और सोयाबीन किसानों को प्रति हेक्टेयर 2.5 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की। इस प्रदर्शन में चंद्रपुर शहर (जिला) कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रितेश तिवारी, बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता, किसान और स्थानीय नागरिक शामिल हुए।

राज्यव्यापी विरोध और ‘किसान विरोधी’ नारे
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि महायुति सरकार ने किसानों की दुर्दशा पर आँखें मूंद रखी हैं। पार्टी के अनुसार, घोषणाओं के बावजूद जमीनी स्तर पर राहत कार्य ठप है।
छत्रपति संभाजीनगर और चंद्रपुर के अलावा, यह विरोध प्रदर्शन राज्य के कई अन्य जिलों और तालुकों तक फैला। अकोला, अमरावती, बुलढाणा, नागपुर ग्रामीण, जालना, लातूर, वर्धा, रत्नागिरी जैसे जिलों में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने “किसान विरोधी भाजपा महायुति सरकार” के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की और अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन स्थानीय प्रशासन को सौंपे। विरोध प्रदर्शनों का उद्देश्य सरकार पर दबाव बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि प्रभावित किसानों को तत्काल आर्थिक मदद और समर्थन मिले ताकि वे जल्द से जल्द अपनी आजीविका फिर से शुरू कर सकें।
कांग्रेस का यह राज्यव्यापी आंदोलन महाराष्ट्र में कृषि संकट की गंभीरता को दर्शाता है और राज्य सरकार पर तत्काल एवं ठोस कदम उठाने का दबाव बना रहा है।

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