
आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) पर उठे सवालों और शिकायतों के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने मतदाताओं को बड़ी राहत दी है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि किसी मतदाता को एसआईआर के माध्यम से नाम जोड़ने या हटाने को लेकर कोई शिकायत है, तो वे अब भी नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख से 10 दिन पहले तक आयोग को सूचित कर सकते हैं। इसके अलावा, नागरिक सीधे जिला मजिस्ट्रेट के पास भी अपील कर सकते हैं।
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने मतदाता सूचियों में संशोधन की प्रक्रिया का मजबूती से बचाव किया। उन्होंने कहा कि यह कहना अनुचित है कि पुनरीक्षण (Revision) चुनाव के बाद कराया जाना चाहिए। सीईसी ने जोर देकर कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत चुनाव आयोग के लिए हर चुनाव से पहले पुनरीक्षण कराना कानूनी और अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि कानून के तहत ऐसा करना आवश्यक है। सीईसी के साथ इस दौरान दो अन्य चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी भी मौजूद थे।
अयोग्य मतदाताओं के 68 लाख से अधिक नाम हटाए गए
सीईसी ने एसआईआर प्रक्रिया के तहत हटाए गए नामों का ब्योरा देते हुए कहा कि पहले लगभग 65 लाख नाम हटाए गए थे, और अंतिम सूची में 3.66 लाख नाम और हटाए गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये सभी हटाए गए नाम अयोग्य मतदाताओं के हैं।
कुमार ने कहा कि जहां तक सूचियों का सवाल है, जिला कलेक्टर स्तर पर वह सूची हर राजनीतिक दल के जिला अध्यक्षों को पहले ही दी जा चुकी है। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि यदि किसी को पात्र मतदाता सूची से बाहर रह जाने या किसी अयोग्य मतदाता का नाम सूची में होने की जानकारी है, तो अब भी इस बारे में आयोग को सूचित किया जा सकता है। यह सुविधा नामांकन की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले तक उपलब्ध रहेगी।
स्पष्टता और सुविधा के लिए किए गए महत्वपूर्ण बदलाव
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और मतदाताओं की सुविधा को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलावों की भी जानकारी दी। ये बदलाव सुनिश्चित करेंगे कि मतदान प्रक्रिया अधिक सुलभ, सुरक्षित और स्पष्ट हो:
ईवीएम में प्रत्याशियों की रंगीन फोटो: ज्यादा स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए, ईवीएम में प्रत्याशियों की रंगीन फोटो होगी। यह कदम मतदाताओं को समान नाम वाले उम्मीदवारों की पहचान करने में मदद करेगा।
मतपत्र पर सीरियल नंबर: बैलेट पेपर पर सीरियल नंबर पहले से बड़ा होगा, जिससे उसे पढ़ना और पहचानना आसान हो जाएगा।
वोटर स्लिप में बड़े अक्षर: मतदाताओं को दी जाने वाली वोटर स्लिप पर जानकारी बड़े अक्षरों में होगी, जिससे उन्हें अपने मतदान केंद्र की पहचान करने में आसानी होगी।
बूथ लेवल ऑफिसर को फोटो आईडी: प्रत्येक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को एक फोटो आईडी कार्ड दिया जाएगा, जिससे उनकी पहचान सुनिश्चित हो सकेगी।
वोटर संख्या सीमित: एक पोलिंग बूथ पर अधिकतम 1200 वोटर ही होंगे, जिससे भीड़ प्रबंधन और मतदान प्रक्रिया को सुचारु बनाया जा सके।
लाइव वेब कास्टिंग: बिहार की सभी 90 हजार पोलिंग बूथों पर वोटिंग प्रक्रिया लाइव (वेब कास्ट) होगी।
मोबाइल रखने की सुविधा: सभी 90 हजार पोलिंग बूथों पर मतदाताओं को परिसर के बाहरी क्षेत्र में मोबाइल रखने की सुविधा दी जाएगी।
पोस्टल बैलेट की गिनती: पोस्टल बैलेट की गिनती ईवीएम के आखिरी दो राउंड से पहले होगी खत्म, ताकि मतगणना प्रक्रिया में विलंब न हो।
वोटिंग की जानकारी: वोटिंग खत्म होने के बाद वोटिंग की पूरी जानकारी सार्वजनिक रूप से दी जाएगी।
ये सभी बदलाव चुनाव आयोग की चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, समावेशी और त्रुटिहीन बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

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