
हिंदू धर्मगुरुओं की हत्या की साजिश रचने के आरोपी मोहम्मद रजा की जांच में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। रजा न केवल युवाओं को ‘मुजाहिद आर्मी’ नामक संगठन में भर्ती कर रहा था, बल्कि वह लड़कियों को भी शामिल करने की कोशिश में जुटा था। इसके लिए एक सुनियोजित योजना तैयार की गई थी, जिसके तहत महिलाओं और बच्चों को कट्टरपंथी बनाया जाना था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मोहम्मद रजा और उसके सहयोगी एक खास किताब के जरिए महिलाओं को उकसाने की कोशिश कर रहे थे। इस किताब का नाम ‘इस्लाम की मुजाहिद बेटियां’ है। यह किताब सोनभद्र निवासी सफील सलमानी ने मोहम्मद रजा के साथ मिलकर तैयार की थी।
महिलाओं और बच्चों को उकसाने की थी योजना
जांच में पता चला है कि ‘इस्लाम की मुजाहिद बेटियां’ नामक इस किताब में महिलाओं और बच्चों को इस्लाम के नाम पर सक्रिय भूमिका निभाने की प्रेरणा दी गई है। इस पुस्तक की पीडीएफ (PDF) फाइल को रजा के सोशल मीडिया नेटवर्क और अन्य प्लेटफॉर्म पर साझा किया जा रहा था। इस सामग्री का उद्देश्य महिलाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर धकेलना और उन्हें आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के लिए तैयार करना था।
यह मामला तब सामने आया जब पुलिस ने हिंदू धर्मगुरुओं की हत्या की साजिश रचने के आरोप में मोहम्मद रजा को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ से पता चला कि रजा ने आतंकी गतिविधियों की राह तब पकड़ी, जब वह एक जलसे में सुल्तानपुर के मौलाना अकमल के संपर्क में आया। इसके बाद उसने सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर युवाओं को जोड़ना शुरू किया और ‘मुजाहिद आर्मी’ नामक अपना संगठन बनाना शुरू कर दिया।

सोशल मीडिया पर साझा हो रही थी भड़काऊ सामग्री
मोहम्मद रजा का सोशल मीडिया नेटवर्क काफी विस्तृत था। जानकारी के अनुसार, अंदौली और उसके आसपास के कई युवक उसके इस ऑनलाइन नेटवर्क से जुड़े हुए थे। इन्हीं प्लेटफॉर्म पर रजा भड़काऊ सामग्री और विशेष रूप से ‘इस्लाम की बेटियां’ नामक किताब की पीडीएफ साझा कर रहा था, जिसका मकसद युवाओं और महिलाओं को जिहादी विचारधारा के लिए प्रेरित करना था।
इस घटना के सामने आने के बाद इलाके में संवेदनशीलता बढ़ गई है। राधानगर के प्रभारी निरीक्षक दिनेश मिश्रा ने इस संबंध में बताया कि इलाके में प्रतिदिन गश्त की जा रही है और मौके पर संवेदनशीलता बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की चर्चा या संदिग्ध गतिविधि के सामने आने पर तत्काल जांच की जा रही है। हालांकि, प्रभारी निरीक्षक ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल बाहर से कोई विशेष टीम इलाके में जांच के लिए नहीं आई है।
जांच एजेंसियां अब मोहम्मद रजा के सोशल मीडिया नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों और सफील सलमानी की भूमिका की गहराई से पड़ताल कर रही हैं ताकि इस कट्टरपंथी सिंडिकेट के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके। इस साजिश से स्पष्ट है कि आरोपी अपने गैरकानूनी मंसूबों को पूरा करने के लिए समाज के हर तबके, यहां तक कि महिलाओं और बच्चों को भी इस्तेमाल करने की कोशिश में था।

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