
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने राजनीतिक और प्रशासनिक जीवन की एक ऐतिहासिक उपलब्धि को याद किया। उन्होंने बताया कि आज ही के दिन अक्टूबर 2001 को उन्होंने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस अवसर पर, देशवासियों का आभार व्यक्त करते हुए, उन्होंने कहा कि जनता के अटूट आशीर्वाद और विश्वास से वह अब सरकार के प्रमुख के रूप में अपने 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर एक श्रृंखला में पोस्ट करते हुए अपने अब तक के सफर, शुरुआती संघर्षों और उपलब्धियों को विस्तार से साझा किया।
गुजरात के चुनौतीपूर्ण दिन और माँ की सीख
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पोस्ट के जरिए बताया कि जब उन्हें 2001 में गुजरात का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया, तब राज्य भीषण संकटों से जूझ रहा था, जिनमें भूकंप, चक्रवात, सूखा और राजनीतिक अस्थिरता शामिल थे। उन्होंने लिखा, “मेरी पार्टी ने बेहद चुनौतीपूर्ण समय में मुझ पर भरोसा जताया। इन आपदाओं ने मेरी लोगों की सेवा करने की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।”
उन्होंने अपनी माँ की बात को याद करते हुए एक भावनात्मक क्षण साझा किया। उन्होंने लिखा, “जब मैंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तब मेरी माँ ने मुझसे दो बातें कही थीं: ‘गरीबों के लिए काम करना और कभी रिश्वत न लेना।’ मैंने भी जनता से वादा किया कि मैं जो भी करूंगा, वह सद्भावना और अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति की सेवा की भावना से प्रेरित होगा।”

गुजरात का कायाकल्प: सुशासन का प्रतीक
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2001 में जब उन्होंने सीएम पद संभाला था, तब गुजरात को लेकर आम धारणा थी कि राज्य अब उभर नहीं पाएगा। उस समय किसान बिजली और पानी की कमी से जूझ रहे थे, उद्योग ठप थे और कृषि संकट में थी।
लेकिन उन्होंने जोर दिया कि सबके सामूहिक प्रयासों से गुजरात आज सुशासन का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने लिखा, “सूखा प्रभावित राज्य होने के बावजूद गुजरात को कृषि के क्षेत्र में अग्रणी बनाया। व्यापारिक संस्कृति को औद्योगिक और विनिर्माण शक्ति में बदला गया। सामाजिक और भौतिक अवसंरचना को मजबूती दी गई।” यह सफर चुनौतियों से भरा था, लेकिन दृढ़ संकल्प से राज्य को विकास के पथ पर लाया गया।
राष्ट्रीय नेतृत्व और देश में भरोसे का संकट
वर्ष 2013 में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया, उस दौर को याद करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि देश में उस समय भ्रष्टाचार, नीतिगत जड़ता और भरोसे के संकट का माहौल था। उन्होंने यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, “यूपीए सरकार उस दौर में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की मिसाल बन चुकी थी। भारत को वैश्विक मंच पर कमजोर कड़ी माना जा रहा था।”
लेकिन उन्होंने जनता का आभार व्यक्त किया कि देश की जनता ने उनके गठबंधन को पूर्ण बहुमत दिया और तीन दशक बाद किसी एक पार्टी को स्पष्ट जनादेश मिला, जिससे देश में एक स्थिर और मजबूत सरकार का मार्ग प्रशस्त हुआ।

11 वर्षों में ऐतिहासिक बदलाव और विकसित भारत का संकल्प
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 11 वर्षों में देश ने कई ऐतिहासिक बदलाव देखे हैं। उन्होंने विशेष रूप से नारी शक्ति, युवा शक्ति और अन्नदाता किसानों की भूमिका को सराहा। उन्होंने अपनी सरकार की प्रमुख उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए लिखा:–
–25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।
–भारत अब वैश्विक अर्थव्यवस्था में चमकता सितारा है।
–हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ हैं।
उन्होंने ‘गर्व से कहो, ये स्वदेशी है’ के नारे के साथ आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी दोहराया।
अपने संदेश के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने दृढ़ता व्यक्त करते हुए कहा, “देश की सेवा करना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है। यह जिम्मेदारी मुझे कृतज्ञता और उद्देश्य की भावना से भर देती है। संविधान के मूल्यों को मार्गदर्शक मानते हुए मैं ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए और अधिक मेहनत करूंगा।” यह पोस्ट उनके 25 साल के नेतृत्व की यात्रा, त्याग और भविष्य की प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है।

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