
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को एक बड़ा चुनावी वादा किया है। उन्होंने घोषणा की कि सत्ता में आते ही उनकी सरकार राज्य के उन सभी परिवारों में कम से कम एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी, जिनके पास वर्तमान में कोई सरकारी नौकरी नहीं है।
पोलो रोड स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में तेजस्वी यादव ने इस योजना के लिए एक कठोर समय सीमा निर्धारित की। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार बनते ही 20 दिनों के अंदर विशेष नौकरी-रोजगार अधिनियम बना कर 20 माह के अंदर नौकरी देने का लक्ष्य पूरा कर दिया जाएगा।”
राजद नेता का यह वादा सीधे तौर पर बिहार के सबसे बड़े मुद्दे—बेरोजगारी—को संबोधित करता है और इसे ‘सामाजिक न्याय’ के बाद अब ‘आर्थिक न्याय’ की दिशा में उठाया गया कदम बताया जा रहा है।
17 महीने बनाम 20 साल: एनडीए पर सीधा हमला
तेजस्वी यादव ने अपनी पिछली महागठबंधन सरकार (17 माह) के कार्यकाल का हवाला देते हुए दावा किया कि उनकी सरकार ने रोज़गार के मोर्चे पर अभूतपूर्व काम किया था, जबकि एनडीए सरकार पिछले बीस सालों में विफल रही।
उन्होंने कहा, “हमने 17 माह सरकार में रह कर 5 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी थी। साथ ही, हमने साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मी बनवाया।”
राजद नेता ने वर्तमान एनडीए सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वे केवल बेरोज़गार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की बात कर रहे हैं, जबकि राजद ने सीधे सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने इस संकल्प को “बिहार में नौकरी का नव जागरण” करार दिया और कहा कि अब बिहार सामाजिक न्याय के बाद आर्थिक न्याय का गवाह बनेगा।
‘असुरक्षा और बेरोजगारी का खौफ’ देने का आरोप
तेजस्वी यादव ने वर्तमान और पिछली एनडीए सरकारों पर पिछले 20 वर्षों में जनता की मूलभूत जरूरतों को पूरा न कर पाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 20 साल में एनडीए सरकार पक्का आवास, सस्ता राशन और हर घर स्वच्छ पानी नहीं पहुँचा पाई।
उन्होंने यहाँ तक आरोप लगाया कि सात निश्चय कार्यक्रम के तहत शुरू की गई “हर घर नल का जल” योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।

तेजस्वी ने कहा, “बीस साल में एनडीए ने हर घर में असुरक्षा और बेरोजगारी का खौफ दिया।”
इस निराशा के मुकाबले में, राजद नेता ने अपने वादे को “जॉब (जेओबी) देने वाली नेशन ऑफ बिहार” के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने ज़ोर दिया कि उनकी सरकार में लोगों की भागीदारी और युवाओं की हिस्सेदारी होगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि “तेजस्वी सरकार देगी, हर परिवार को सरकारी नौकरी।”

विश्वसनीयता साबित करने का संकल्प
अपने वादों को केवल चुनावी जुमला न मानने का आश्वासन देते हुए, तेजस्वी यादव ने बिहार की जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने कहा, “मैं वादा करता हूँ कि 5 साल में अपने काम से, बिहार की सेवा से साबित कर दिखाऊँगा कि मेरा कर्म बिहार है और मेरा धर्म बिहारी।”
तेजस्वी का संकल्प बिहार को “एक सच्ची, ईमानदार, करेक्ट और परफेक्ट सरकार” देने का है। 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद का यह ‘सरकारी नौकरी प्रति परिवार’ का वादा, और उसे 20 माह में पूरा करने की समय सीमा, चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है, और यह देखने लायक होगा कि क्या यह वादा राजद को सत्ता तक पहुँचा पाता है।

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