
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी रणनीति का खुलासा कर दिया है। शनिवार को पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान और राष्ट्रीय प्रवक्ता आदिल हुसैन ने किशनगंज स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता कर पहली सूची जारी की, जिसमें 16 जिलों की 32 विधानसभा सीटों पर पार्टी के चुनाव लड़ने की घोषणा की गई।
सीमांचल पर विशेष फोकस
घोषित की गई 32 सीटों में से अधिकांश सीमांचल क्षेत्र की हैं, जो कि पार्टी का पारंपरिक प्रभाव क्षेत्र माना जाता है। इस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी अधिक है और यह मतदाता वर्ग एआईएमआईएम की मुख्य चुनावी ताकत भी है। 2020 के चुनाव में पार्टी ने इसी क्षेत्र से पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, बाद में पार्टी के चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए, जिससे पार्टी की विधानसभा में मौजूदगी घटकर एक सीट रह गई।
तीसरा विकल्प बनने की तैयारी
एआईएमआईएम ने स्पष्ट कर दिया है कि वह बिहार की राजनीति में एनडीए और महागठबंधन के बीच तीसरा विकल्प बनना चाहती है। अख्तरुल ईमान ने कहा कि हमने आरजेडी को सेकुलर वोटों को एकजुट करने के लिए गठबंधन का प्रस्ताव दिया था, लेकिन सकारात्मक जवाब नहीं मिलने पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना पर काम कर रही है और जल्द ही अन्य सीटों की भी घोषणा की जाएगी।
32 सीटों की सूची में कौन-कौन सी सीटें
घोषित 32 विधानसभा क्षेत्रों में ये सीटें शामिल हैं, जिसमें किशनगंज, कोचाधामन, बहादुरगंज, ठाकुरगंज, अमौर, बायसी, कस्बा, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी, बरारी, कदवा, हाट, अररिया, शेरघाटी, बेलागंज, ढाका, नरकटिया, नवादा शहर, सिकंदरा, नाथनगर, भागलपुर, सिवान शहर, जाले, दरभंगा ग्रामीण, केवटी, गौरा बौराम, कल्याणपुर, बाजपट्टी, बिस्फी, महुआ और गोपालगंज प्रमुख हैं।
यह सूची पार्टी की समावेशी और विस्तारवादी रणनीति को दिखाती है, जो अब सीमांचल से आगे भी चुनावी जमीन तलाश रही है।
महिलाओं को मिलेगा सम्मानजनक प्रतिनिधित्व
पार्टी अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि जल्द ही सभी 32 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम पुरुष प्रधान राजनीति के बावजूद महिलाओं को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व देने के पक्ष में हैं। उम्मीदवार चयन में योग्यता, ईमानदारी और जनता से जुड़ाव को प्राथमिकता दी जाएगी।
ओवैसी का सीमांचल दौरा बना आधार
हाल ही में पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार और अररिया जिलों का ताबड़तोड़ दौरा किया था, जिसका असर पार्टी की रणनीति में साफ दिखता है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की थी कि वे AIMIM को अपने सशक्त राजनीतिक प्रतिनिधि के तौर पर देखें।

AIMIM की पहली सूची ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी तस्वीर को और रोचक बना दिया है। जहां एक ओर पार्टी तीसरे मोर्चे के रूप में उभरने की कोशिश कर रही है, वहीं सीमांचल में मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण की संभावनाएं भी तेज हो गई हैं। अब देखना यह होगा कि पार्टी इस रणनीति से जमीनी समर्थन जुटा पाती है या नहीं।

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