
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के अति पिछड़े क्षेत्रों, विंध्य और बुंदेलखंड, में ‘हर घर नल से जल’ सुनिश्चित करने के लिए सख्त समयसीमा तय कर दी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इन दोनों क्षेत्रों के हर घर में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति 15 दिसंबर तक हर हाल में शुरू कर दी जाए। मुख्यमंत्री ने रविवार को जल जीवन मिशन के अंतर्गत ‘हर घर नल योजना’ की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने परियोजना के गुणवत्ता नियंत्रण पर विशेष जोर देते हुए यह भी आदेश दिया कि इस समयसीमा तक कार्य पूरा होने के बाद योजना की थर्ड पार्टी ऑडिट (तीसरे पक्ष द्वारा गुणवत्ता जांच) अनिवार्य रूप से कराई जाए, ताकि सुनिश्चित हो सके कि जनता को शुद्ध और नियमित जल आपूर्ति मिल रही है।
पूरे प्रदेश के लिए लक्ष्य निर्धारित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केवल विंध्य और बुंदेलखंड ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अन्य हिस्सों के लिए भी स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किए हैं। पूर्वांचल और मध्य उत्तर प्रदेश में उन्होंने नमामि गंगे, ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, जल निगम और सभी कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से कहा कि दूसरे और तीसरे चरण में पूर्वांचल और मध्य उत्तर प्रदेश की जो परियोजनाएं 90 प्रतिशत तक पूरी हो चुकी हैं, उन्हें भी 15 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाए। साथ ही साथ ऐसे शेष कार्य, जिन कार्यों की प्रगति 75 प्रतिशत तक पूरी हो चुकी है, उन्हें मार्च 2026 तक पूरा कराने का लक्ष्य तय किया गया है।

मिशन की प्रगति और शिकायत निवारण
बैठक में अधिकारियों ने मिशन की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्हें बताया गया कि प्रदेश में 90,223 करोड़ रुपये की लागत की जल योजनाएं चल रही हैं। इनमें 63 सतही स्त्रोत (Surface Water Sources) और 548 भूजल स्त्रोत (Groundwater Sources) आधारित योजनाएं शामिल हैं।
उपलब्धि : अब तक 85,364 गांवों के 1.98 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
नियमित आपूर्ति : इनमें से 34,274 गांवों में नियमित रूप से पानी पहुंचाया जा रहा है।
अधिकारियों ने शिकायत निवारण प्रणाली की भी जानकारी दी। शिकायत निवारण प्रणाली के पोर्टल https://jalsamadhan.in पर अब तक 62,688 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 46,354 का सफलतापूर्वक निस्तारण किया जा चुका है। टोल फ्री नंबर 18001212164 के माध्यम से भी शिकायतें दर्ज की जा रही हैं।
केंद्र से मदद जारी रखने का निर्देश
बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि केंद्र सरकार में जल जीवन मिशन की समय सीमा दिसंबर 2028 तक बढ़ाने और परियोजना लागत में वृद्धि करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया कि केंद्र से अनुमति मिलने में चाहे जितनी देर हो, मिशन के सभी कार्यों को राज्य के अपने संसाधनों से निरंतर जारी रखा जाए ताकि परियोजना की गति बाधित न हो।

इसके अलावा, केंद्र सरकार के नामित नोडल अधिकारियों ने राज्य के 74 जिलों में चल रही 147 योजनाओं का निरीक्षण किया, जिनमें से 132 योजनाओं को संतोषजनक पाया गया। मुख्यमंत्री ने गुणवत्ता और समयबद्धता बनाए रखने पर जोर देते हुए कहा कि यह मिशन सीधे ग्रामीण जनता के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता से जुड़ा है।

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