
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ को लेकर दिए गए बयान पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तीखा पलटवार किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने राहुल गांधी पर गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी का आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल को बिहार के ‘ब’ की भी समझ नहीं है।

धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में राहुल गांधी की बयानबाजी को ‘फर्जी’ करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों का खामियाजा महागठबंधन के उनके साथी दलों को उठाना पड़ता है। प्रधान ने साफ तौर पर कहा कि यह राहुल गांधी की बिहार में होने वाली ‘करारी हार’ से अपना सिर बचाने का एक हथकंडा मात्र है।
इतिहास के आईने में बिहार: कांग्रेस-राजद के 55 साल पर गंभीर आरोप
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी को अपने अतीत में झांकने की सलाह दी। उन्होंने बिहार और यहां के मेहनती लोगों पर कुछ भी बोलने से पहले कांग्रेस के शासनकाल की याद दिलाई। प्रधान ने आरोप लगाया कि आजादी के बाद 40 साल तक बिहार में कांग्रेस का शासन रहा और उसके बाद 15 साल तक कांग्रेस के साथी दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने राज किया।
प्रधान ने कहा कि इन कुल 55 वर्षों में कांग्रेस और आरजेडी ने मिलकर बिहार को पिछड़ेपन के गर्त में धकेलने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। यह एक बहुत ही गंभीर राजनीतिक आरोप है, जो कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन की साख पर सीधा सवाल खड़ा करता है।
सौतेला व्यवहार और मोदी सरकार की तुलना की चुनौती
प्रधान ने 2005 के घटनाक्रमों को याद करते हुए कहा कि जब बिहार के लोगों ने आरजेडी के ‘जंगलराज’ को उखाड़ फेंका और एनडीए की सरकार बनाई, तो कांग्रेस को यह भी अच्छा नहीं लगा। उन्होंने आरोप लगाया कि 2005 से 2014 तक 9 वर्षों में केंद्र सरकार में रहते हुए कांग्रेस ने बिहार के साथ ‘सौतेला व्यवहार’ किया। केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि राहुल गांधी को कोई भी सवाल पूछने से पहले अतीत में अपनी सरकारों द्वारा बिहार के साथ किए गए ‘अन्याय का हिसाब’ देना चाहिए।
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी को एक सीधी चुनौती भी दी। उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी वाकई बिहार के लिए फिक्रमंद हैं, तो वह 2004 से 2014 के बीच केंद्र की कांग्रेस सरकार द्वारा बिहार को दी गई योजना-परियोजना अथवा अनुदान की तुलना 2014 से 2025 के बीच मोदी सरकार द्वारा बिहार को दिए गए अनुदान तथा योजना-परियोजना से करके बता दें। प्रधान ने कहा कि ऐसा करने पर “दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।” यह तुलनात्मक चुनौती सीधे तौर पर कांग्रेस के कार्यकाल और मौजूदा भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के विकास कार्यों को आमने-सामने खड़ा करती है।
‘झूठ और फाल्स नैरेटिव के रिसर्च सेंटर’
धर्मेंद्र प्रधान ने हरियाणा में ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर राहुल गांधी को पहले भी करारा जवाब दिया था। उसी संदर्भ को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी “झूठ और फाल्स नैरेटिव के रिसर्च सेंटर बन चुके हैं।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी का ‘झूठ का बम’ हर बार ‘फुस्स’ हो जाता है।
प्रधान ने राहुल गांधी की लोकतांत्रिक व्यवस्था में आस्था पर भी सवाल उठाया। उन्होंने अपनी ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा कि यह सबको पता है कि राहुल गांधी देश के संविधान, लोकतंत्र, लोकतांत्रिक व्यवस्था, संसदीय प्रणाली और जनता के मताधिकार में विश्वास नहीं रखते हैं। प्रधान के अनुसार, राहुल गांधी एक ऐसे आदर्श लोक में खोए हैं जिसमें उनको लगता है कि ‘न खाता न बही, जो राहुल गांधी कहें, वहीं सही’। यह बयान कांग्रेस नेता पर लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी करने का सीधा और गंभीर आरोप है।
इस तरह, बिहार चुनाव के बीच राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार सिर्फ बचाव तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने कांग्रेस और आरजेडी के लंबे शासनकाल को लेकर ऐतिहासिक और विकास संबंधी सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे बिहार की चुनावी राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज हो गया है।

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