
5,550 शिक्षकों को मिले नियुक्ति पत्र देते असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को एक बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने के बाद से अब तक 1,26,793 युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की गई हैं। यह आंकड़ा 2021 के विधानसभा चुनाव में किए गए एक लाख सरकारी नौकरियों के वादे से कहीं अधिक है।
मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि उनकी सरकार ने न केवल अपना लक्ष्य हासिल किया है, बल्कि उसे पार भी कर लिया है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि जल्द ही यह संख्या 1.5 लाख के आंकड़े को पार कर जाएगी।

5,550 शिक्षकों को सौंपे गए नियुक्ति पत्र
यह घोषणा खानापाड़ा स्थित पशु चिकित्सा महाविद्यालय के खेल मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान की गई। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) उत्तीर्ण 5,550 योग्य उम्मीदवारों को औपचारिक रूप से नियुक्ति पत्र सौंपे। इन नियुक्तियों में से 3,800 उम्मीदवार लोअर प्राइमरी टीचर और 1,750 उम्मीदवार अपर प्राइमरी टीचर के पद के लिए नियुक्त किए गए हैं, जो राज्य के शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल सशक्तिकरण पर जोर
कार्यक्रम में सिर्फ नियुक्तियां ही नहीं दी गईं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए भी कई पहल की गईं। शिक्षक समाल पैकेज के तहत शिक्षकों के बीच 8,799 टैबलेट वितरित किए गए। इसके अतिरिक्त, आरोहण योजना के तहत छात्रों के लिए 4,280 टैबलेट का भी औपचारिक रूप से शुभारंभ किया गया। ये पहल शिक्षा को आधुनिक बनाने और शिक्षकों तथा छात्रों को प्रौद्योगिकी से जोड़ने के सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और योग्यता-आधारित चयन
मुख्यमंत्री सरमा ने अपने संबोधन में सबसे अधिक जोर भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान भर्ती अभियान पूरी तरह से योग्यता-आधारित रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और राजनीतिक पक्षपात जैसी बुराइयों को दूर किया है, जो दशकों से असम में सरकारी भर्तियों में व्याप्त थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “दशकों से, असम में सरकारी नौकरी पाने का मतलब भ्रष्टाचार और अदालती मामलों से जूझना होता था। आज, असम के युवाओं का यह विश्वास बहाल हुआ है कि वे सिर्फ योग्यता और कड़ी मेहनत से नौकरी पा सकते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि हालिया भर्ती अभियानों को लेकर कोई कानूनी चुनौती या विवाद सामने नहीं आया है, जो इसकी निष्पक्षता को साबित करता है।
पिछले मुख्यमंत्रियों के रिकॉर्ड से तुलना
हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने कार्यकाल में दी गई नौकरियों की संख्या की तुलना पिछले मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल से की। उन्होंने कहा कि उनसे पहले राज्य में 14 मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन किसी ने भी अपने एक कार्यकाल में 25,000 से अधिक नियुक्तियां नहीं दी थीं।
यह तुलना उनकी सरकार की तेज गति और लक्ष्य-उन्मुख कार्यशैली को दर्शाती है। 1.26 लाख नौकरियों का आंकड़ा पिछली सरकारों के रिकॉर्ड को कई गुना पीछे छोड़ता है, जो युवाओं के सशक्तिकरण के प्रति भाजपा सरकार की गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सरकारी नौकरियों का भविष्य और 1.5 लाख का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 1 लाख नौकरियों का लक्ष्य पार हो चुका है और सरकार जल्द ही 1.5 लाख सरकारी नौकरियों के आंकड़े को पार करने की दिशा में काम कर रही है। यह निरंतर प्रयास राज्य में बेरोजगारी को कम करने और योग्य युवाओं को अवसर प्रदान करने की सरकार की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है।
असम सरकार का यह कदम न केवल युवाओं को रोजगार दे रहा है, बल्कि सरकारी संस्थानों की कार्यक्षमता को भी मजबूत कर रहा है, खासकर शिक्षा और बुनियादी सेवाओं के क्षेत्रों में, जिससे राज्य की सामाजिक और आर्थिक प्रगति को बल मिलेगा।

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