
दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने पुट्टपर्थी में श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में
भारत के दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर बुधवार को आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में आयोजित श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने मंच से श्री सत्य साईं बाबा के साथ बिताए क्षणों और उनसे जुड़ी अपनी निजी यादों को साझा किया, जो लाखों लोगों के लिए प्रेरणादायक था।

तेंदुलकर ने समारोह में अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, “इस जगह ने हम लाखों लोगों को बहुत सुकून, उद्देश्य और दिशा दी है। जब मैं यहां खड़ा होता हूं, तो मुझे याद आता है कि बाबा ने हमारे जीवन में कितने योगदान दिए और हमें बेहतर इंसान बनाया।” उन्होंने कहा कि बाबा की शिक्षाओं और मार्गदर्शन ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी।
बचपन का किस्सा: ‘छोटे सत्य साईं बाबा’
सचिन तेंदुलकर ने अपने बचपन का एक प्यारा सा किस्सा भी साझा किया, जो उनके और बाबा के बीच एक अनूठा संबंध दर्शाता है। उन्होंने बताया कि बचपन में उनका हेयरस्टाइल श्री सत्य साईं बाबा की तरह ही था।
उन्होंने कहा, “मुझे याद है, मैं सिर्फ 5 साल का था और मैं जहां भी जाता था, मेरे स्कूल और मेरे आस-पास के लोग मुझे “वो जो छोटा बच्चा है ना, जिसके बाल सत्य साईं बाबा जैसे हैं” कहकर बुलाते थे।”
“मुझे याद है, मैं सिर्फ 5 साल का था और मैं जहां भी जाता था, मेरे स्कूल और मेरे आस-पास के लोग मुझे “वो जो छोटा बच्चा है ना, जिसके बाल सत्य साईं बाबा जैसे हैं” कहकर बुलाते थे।”
“ऐसा सिर्फ इसलिए था, क्योंकि मैंने 5 साल की उम्र तक बाल नहीं कटवाए थे। मेरे बाल भी वैसे ही लंबे थे।”
सचिन ने इसका कारण बताते हुए कहा, “ऐसा सिर्फ इसलिए था, क्योंकि मैंने 5 साल की उम्र तक बाल नहीं कटवाए थे। मेरे बाल भी वैसे ही लंबे थे।” उन्होंने स्वीकार किया कि वह उस समय समाज के लिए बाबा के योगदान को समझने में बहुत छोटे थे। उन्होंने बाबा से पहली बार 90 के दशक के मध्य में व्हाइटफील्ड में मुलाकात की थी और तब से उन्हें बाबा से कई बार मिलने का सौभाग्य मिला।
अविश्वसनीय अनुभव: मन की बात जान लेते थे बाबा
तेंदुलकर ने अपने सबसे अविश्वसनीय अनुभव को साझा करते हुए बताया कि बाबा में यह अद्भुत क्षमता थी कि वे किसी भी व्यक्ति के मन की बात को जान लेते थे, भले ही वह कहीं भी हो।
उन्होंने कहा, “मेरे मन में कई सवाल चल रहे थे। बिना पूछे ही, बाबा ने उन सवालों के जवाब दे दिए। यह मेरे लिए एक अविश्वसनीय अनुभव था। क्योंकि मैं सोच रहा था, उन्हें कैसे पता चला कि मेरे मन में क्या चल रहा था? उन्होंने पहले ही जवाब दे दिया था, मुझे आशीर्वाद दिया था, मुझे दिशा दी थी।” यह घटना सचिन के जीवन में बाबा के गहरे आध्यात्मिक प्रभाव को दर्शाती है।
वर्ल्ड कप 2011 से पहले मिला आत्मबल
दिग्गज क्रिकेटर ने विश्व कप 2011 से जुड़ा एक प्रेरणादायक किस्सा भी साझा किया, जिसे जीतकर भारत ने 28 साल बाद यह खिताब अपने नाम किया था। सचिन ने बताया कि इस विश्व कप से पहले बाबा ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद की थी।
उन्होंने कहा, “2011 से पहले मैं कई विश्व कप खेल चुका था। मुझे पता था कि यह मेरा आखिरी विश्व कप हो सकता है। हम बेंगलुरु में एक कैंप में थे। इसी बीच मुझे एक फोन कॉल आया और बताया गया कि बाबा ने मेरे लिए एक किताब भेजी है।”
यह सुनकर सचिन के चेहरे पर मुस्कान आ गई। उन्होंने कहा, “मैं जानता था कि यह विश्व कप हमारे लिए बेहद खास होगा। इस किताब ने मुझे आत्मविश्वास और आत्मबल दिया।” सचिन ने समारोह में मौजूद लाखों भक्तों और अनुयायियों को प्रेरित करते हुए बताया कि बाबा का आशीर्वाद किस तरह बड़े लक्ष्यों को हासिल करने में सहायक होता है।
सचिन बोले-
मैं जानता था कि यह विश्व कप हमारे लिए बेहद खास होगा। इस किताब ने मुझे आत्मविश्वास और आत्मबल दिया। 2011 से पहले मैं कई विश्व कप खेल चुका था। मुझे पता था कि यह मेरा आखिरी विश्व कप हो सकता है। हम बेंगलुरु में एक कैंप में थे। इसी बीच मुझे एक फोन कॉल आया और बताया गया कि बाबा ने मेरे लिए एक किताब भेजी है।”
दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने पुट्टपर्थी में श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लिया। उन्होंने बाबा से जुड़ी अपनी अविश्वसनीय यादें साझा कीं और बताया कि कैसे वर्ल्ड कप 2011 से पहले बाबा ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद की थी।

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