
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को वोट बढ़ाने के लिए विशेष कोड वितरित करता है। शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के पास अब केवल 493 दिन बचे हैं और उनकी उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा का चुनावी खेल सिर्फ तीन चीजों पर टिका है: सरकार, चुनाव आयोग और अधिकारी।
भाजपा एक इस्तेमाली पार्टी, आयोग बना जुगाड़ आयोग
अखिलेश यादव ने भाजपा को “इस्तेमाली पार्टी” (उपयोग करने वाली पार्टी) बताते हुए कहा कि यह पहले अपने सहयोगियों का इस्तेमाल करती है और बाद में उन्हें बर्बाद कर देती है। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सीधा हमला करते हुए कहा कि यह “भाजपा का जुगाड़ आयोग” बन गया है। यादव ने कहा, “चुनावों में वोटों की लूट नहीं, डकैती हो रही है।” उन्होंने शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। यादव ने कहा कि अगर सरकार के एजेंडे में शिक्षा और नौकरी होती तो 27,000 प्राथमिक स्कूलों को बंद नहीं करती।
एबीवीपी लाठीचार्ज पर तंज और ‘परिषद बनाम वाहिनी’ का बयान
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि एबीवीपी अब “अखिल भारतीय वीडियो पिटाई” बन गया है। उन्होंने इस घटना को “परिषद बनाम वाहिनी” की लड़ाई बताया, जिसमें परिषद का तात्पर्य एबीवीपी से और वाहिनी का तात्पर्य भाजपा की नीतियों से था।
राजभर और निषाद पर टिप्पणी से परहेज
निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए, अखिलेश यादव ने कुछ भी कहने से परहेज किया। उन्होंने कहा, “इस पर मुझे कुछ नहीं कहना है।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे इन नेताओं के बारे में कुछ कहेंगे तो उनकी ‘वैल्यू’ बढ़ जाएगी, जिसका वे फायदा उठाएंगे। उन्होंने कहा, “वह उसे भी कैश करा लेंगे। पंचायत राज विभाग से पीडब्ल्यूडी मिल जाएगा। मैं इन नेताओं को जानता हूं। हमारे बोलने की ही कीमत वसूलेंगे। भाजपा एक वोट भी नहीं काट पाएगी।” यह बयान इन दोनों नेताओं के साथ उनके पूर्व के संबंधों और राजनीतिक समीकरणों की जटिलता को दर्शाता है।
सरकार पर टैक्स वसूली का आरोप और लाखों का चालान
अखिलेश यादव ने सरकार पर जनता से केवल टैक्स वसूलने का आरोप लगाया, जबकि बदले में कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। उन्होंने अपनी व्यक्तिगत परेशानी का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके काफिले की गाड़ियों पर ओवर स्पीडिंग के मामले में 8 लाख रुपये का चालान भेजा गया है। उन्होंने कहा, “सरकार टैक्स वसूली कर रही है लेकिन सुविधा नहीं दे रही।” यह बयान सरकार की कार्यप्रणाली और नागरिकों पर बढ़ते आर्थिक बोझ को लेकर उनके असंतोष को दर्शाता है।
अखिलेश यादव का यह हमला एक बार फिर विपक्ष और चुनाव आयोग के बीच बढ़ते तनाव को उजागर करता है, खासकर उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों के संदर्भ में। उनके आरोप और बयान निश्चित रूप से राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ेंगे।

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