
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। शुक्रवार को जारी बयान में उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था, दलित उत्पीड़न और सत्ता की अंदरूनी खींचतान को लेकर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
अपराध पर सरकार का नियंत्रण नाकाम
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार का दावा था कि अपराधी या तो अपराध छोड़ देंगे या फिर राज्य से बाहर चले जाएंगे, लेकिन आज की हकीकत यह है कि अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में वही व्यक्ति सुरक्षित है जो अपराधियों की नजर से बचा हुआ है।
धर्मांतरण और आतंकी साजिशों जैसे गंभीर मुद्दों पर टिप्पणी करते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि इनकी जानकारी सरकार को तब होती है जब हालात बिगड़ चुके होते हैं। उन्होंने सरकार की प्रतिक्रिया को “देर से जागने वाली व्यवस्था” करार दिया।
डिप्टी सीएम की महत्वाकांक्षा पर कटाक्ष
अखिलेश यादव ने सत्ता के भीतर चल रही हलचल को भी रेखांकित किया। उन्होंने दावा किया कि डिप्टी मुख्यमंत्री की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है, और इस राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण प्रदेश की प्रशासनिक स्थिरता प्रभावित हो रही है। उन्होंने संकेत दिया कि भाजपा सरकार के अंदर आपसी तालमेल की कमी जनता पर भारी पड़ रही है।
दलितों पर अत्याचार का आरोप
सपा अध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर दलित समाज को सबसे अधिक उत्पीड़न झेलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कहीं बारात में डीजे बजाने को लेकर हिंसा होती है, तो कहीं दूल्हे के घोड़े पर चढ़ने पर हंगामा मचता है। यह दर्शाता है कि सामाजिक बराबरी का दावा करने वाली सरकार भी जातिगत असमानता को रोकने में असफल रही है।
2027 में बदलाव की उम्मीद
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की जनता अब भाजपा की नीतियों और रवैये से उकता चुकी है। उन्होंने दावा किया कि लोग अब 2027 के विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे भाजपा को अपने वोटों से जवाब दे सकें। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे डरे नहीं, बल्कि संगठित होकर लोकतंत्र के जरिए बदलाव की दिशा तय करें।
यह बयान सपा द्वारा आगामी चुनावों के लिए अपनी राजनीतिक आधारभूमि को मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। प्रदेश की जनता क्या रुख अपनाएगी, यह समय बताएगा।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



