
5 अगस्त 2025 का दिन भारतीय राजनीति और विशेषकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय बन गया है। इस दिन अमित शाह ने देश के सबसे लंबे समय तक कार्य करने वाले गृह मंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी का रिकॉर्ड पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की।
अमित शाह ने 30 मई 2019 को भारत के गृह मंत्री के रूप में पदभार संभाला था। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल (2014-2019) में राजनाथ सिंह इस पद पर आसीन थे। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरी बार सत्ता संभाली, तो उन्होंने अमित शाह को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी। 2024 के आम चुनावों में भी भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की जीत के बाद अमित शाह ने 10 जून 2024 को एक बार फिर गृह मंत्री पद की शपथ ली थी।
अब तक, अमित शाह ने गृह मंत्री के तौर पर 2,258 दिन (30 मई 2019 से 5 अगस्त 2025 तक) की सेवा पूरी कर ली है। इसके साथ ही उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी के 2,256 दिनों (19 मार्च 1998 – 22 मई 2004) के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। यह कार्यकाल अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल के दौरान हुआ था।

इतिहास में गृह मंत्री के रूप में लंबा कार्यकाल देने वाले नेताओं में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद बल्लभ पंत भी शामिल हैं, जिन्होंने 10 जनवरी 1955 से 7 मार्च 1961 तक करीब 6 साल 56 दिन तक यह पद संभाला था। भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने भी इस पद पर 1,218 दिन सेवा दी थी।
अमित शाह का गृह मंत्री के रूप में कार्यकाल कई ऐतिहासिक निर्णयों और साहसिक कदमों के लिए जाना जाता है। सबसे बड़ा और चर्चित फैसला जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना रहा है, जिससे राज्य का विशेष दर्जा समाप्त हुआ। इसके अलावा नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू करना, नए आपराधिक न्याय कानूनों को लागू करना, और नक्सलवाद एवं आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई उनके नेतृत्व में हुई।
उन्होंने आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया और देशभर में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को अधिक प्रभावशाली और जवाबदेह बनाया। अमित शाह का कार्यकाल संगठनात्मक दृष्टि से भी मजबूत रहा है, जिससे भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार की छवि को बल मिला है।

यह उपलब्धि केवल एक व्यक्तिगत रिकॉर्ड नहीं, बल्कि उनके नेतृत्व, निर्णय क्षमता और देशहित में उठाए गए कदमों की पुष्टि भी है। आने वाले समय में अमित शाह का अनुभव और नीतिगत दृष्टिकोण देश की सुरक्षा और स्थायित्व के लिए और भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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