
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बारबाडोस में आयोजित 68वें कॉमनवेल्थ संसदीय सम्मेलन (CPC) के दौरान कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुलाकातें कीं। इन मुलाकातों में सबसे अहम रही ऑस्ट्रेलियाई सीनेट की अध्यक्ष सू लाइन्स के साथ उनकी बैठक, जिसमें दोनों नेताओं ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तेजी से बढ़ती रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर जोर दिया। यह साझेदारी वर्ष 2020 के बाद से लगातार गहरे आयाम ले रही है।
ऑस्ट्रेलिया के साथ ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ पर चर्चा
ओम बिरला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस मुलाकात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए लिखा, “ऑस्ट्रेलियाई सीनेट की अध्यक्ष सू लाइन्स से मिलकर बहुत खुशी हुई। हमारी बातचीत ने दोनों देशों के बीच मजबूत हो रहे सहयोग को और स्पष्ट किया, जिसे जी-20 और कॉमनवेल्थ जैसे मंचों के माध्यम से और बल मिला है।”
उन्होंने बताया कि भारत और ऑस्ट्रेलिया की व्यापक रणनीतिक साझेदारी अब केवल पारंपरिक क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि रक्षा, व्यापार, नवीकरणीय ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे कई महत्वपूर्ण और भविष्योन्मुखी क्षेत्रों तक फैल चुकी है। बिरला ने रेखांकित किया कि यह सहयोग शांति और समृद्धि के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
डिजिटल शासन और संसदीय नवाचार में भारत का नेतृत्व
मुलाकात के दौरान, लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने डिजिटल शासन में भारत के अभूतपूर्व नेतृत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत संसदीय नवाचार में सबसे आगे है, पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए ‘डिजिटल संसद’ और एआई-संचालित बहुभाषी उपकरणों जैसी पहलों को लागू कर रहा है।”
इस दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल को जनवरी 2026 में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले कॉमनवेल्थ स्पीकर सम्मेलन (CSPOC) में भाग लेने के लिए आमंत्रित भी किया, जो वैश्विक संसदीय संवाद में भारत की भूमिका को और मजबूत करेगा।

जाम्बिया और बारबाडोस के साथ संसदीय संबंध
सीपीए सम्मेलन के दौरान, ओम बिरला ने जॉर्जटाउन में जाम्बिया की राष्ट्रीय सभा की अध्यक्ष नेली मुट्टी से भी मुलाकात की। उन्होंने जाम्बिया की लोकतांत्रिक यात्रा और वहाँ की संसदीय संस्थाओं की भूमिका की सराहना की। दोनों नेताओं ने संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान और सर्वोत्तम संसदीय प्रथाओं को साझा करने पर गहन चर्चा की।
इसके अतिरिक्त, बिरला ने बारबाडोस की हाउस ऑफ असेंबली के अध्यक्ष आर्थर होल्डर के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता की। उन्होंने भारत और बारबाडोस के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों, कॉमनवेल्थ मूल्यों और क्रिकेट प्रेम पर आधारित मजबूत सांस्कृतिक और लोगों के बीच के रिश्ते को रेखांकित किया।
बिरला ने भारतीय नागरिकों को वीज़ा-मुक्त प्रवेश देने के बारबाडोस के निर्णय की सराहना की और कहा कि कैरेबियाई देश में भारतीय समुदाय की सक्रिय भूमिका दोनों देशों को और करीब लाती है।
बारबाडोस संसद का दौरा: मित्रता का प्रतीक
अपनी यात्रा के दौरान, लोकसभा अध्यक्ष ने बारबाडोस की संसद का भी दौरा किया। वहाँ उन्होंने 1966 में भारत द्वारा उपहार में दी गई नक्काशीदार सागौन की लकड़ी की स्पीकर चेयर देखी। उन्होंने कहा, “यह हमारी दीर्घकालिक मित्रता का प्रतीक है।” इस मुलाकात में शिक्षा, संस्कृति और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी।
इससे पहले गुरुवार को, बिरला ने सम्मेलन में एक कार्यशाला की अध्यक्षता भी की, जहां उन्होंने विधायी प्रणालियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के नैतिक और समावेशी उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि तकनीक का उपयोग समाज में डिजिटल अंतर को कम करने और संसदों को नागरिकों के प्रति अधिक केंद्रित बनाने के लिए होना चाहिए।
ओम बिरला की ये मुलाकातें दर्शाती हैं कि भारत न केवल बड़ी शक्तियों, बल्कि कॉमनवेल्थ के भीतर छोटे राष्ट्रों के साथ भी अपने संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिससे वैश्विक मंच पर देश की कूटनीतिक पकड़ मजबूत हो रही है।

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