
मंगलवार को संसद भवन में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद, विपक्षी ‘इंडिया’ ब्लॉक के उम्मीदवार, सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी ने अपनी हार को विनम्रतापूर्वक स्वीकार कर लिया है। उन्होंने एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन को जीत की बधाई देते हुए भारतीय लोकतंत्र की मजबूत परंपराओं पर विश्वास जताया है।
लोकतंत्र की प्रक्रिया में अटूट विश्वास
जस्टिस रेड्डी ने एक पत्र लिखकर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने लिखा, “आज, सांसदों ने भारत के उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में अपना फैसला सुना दिया है। मैं अपने महान गणतंत्र की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अटूट विश्वास के साथ इस परिणाम को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं।” यह बयान न केवल उनकी खेल भावना को दर्शाता है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और उसके मूल्यों में उनके विश्वास को भी उजागर करता है।
रेड्डी ने कहा कि यह उनके लिए एक सम्मान की बात थी कि उन्हें उन मूल्यों के लिए खड़े होने का मौका मिला, जो उनके जीवन का हिस्सा रहे हैं – संवैधानिक नैतिकता, न्याय और हर व्यक्ति की गरिमा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही परिणाम उनके पक्ष में न रहा हो, लेकिन जिस बड़े उद्देश्य के लिए उन्होंने प्रयास किया था, वह कम नहीं हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वैचारिक संघर्ष और भी जोरदार तरीके से जारी रहेगा।
विपक्षी एकता और संवैधानिक मूल्यों का सम्मान
रेड्डी ने उन सभी विपक्षी दलों के नेताओं का हार्दिक आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उन्हें अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया। यह दर्शाता है कि विपक्ष ने एक मजबूत और एकजुट उम्मीदवार के साथ चुनाव लड़ा था, भले ही उन्हें जीत न मिली हो। उन्होंने लोकतंत्र की परिभाषा को जीत-हार से परे बताते हुए कहा कि यह संवाद, असहमति और सहभागिता की भावना से मजबूत होता है।
उन्होंने आगे कहा कि एक नागरिक के रूप में, वह समानता, बंधुत्व और स्वतंत्रता के उन आदर्शों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो देश को एक साथ बांधते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत का संविधान हमेशा राष्ट्रीय जीवन का मार्गदर्शक बना रहेगा। यह बयान उनके राजनीतिक करियर के परे, एक नागरिक के रूप में उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राधाकृष्णन की शानदार जीत
उपराष्ट्रपति चुनाव में, एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने 452 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही वह भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं। दूसरी ओर, विपक्षी ‘इंडिया’ ब्लॉक के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले।
रेड्डी ने अपनी हार स्वीकार करने के साथ ही, नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन को उनके कार्यकाल की शुरुआत पर हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं। यह एक स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा का उदाहरण है, जहां प्रतिद्वंद्वी अपनी हार स्वीकार करते हुए विजेता को बधाई देते हैं।

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