
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वाराणसी में मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम के सम्मान में एक विशेष दोपहर का भोज आयोजित किया। इस भोज में भारतीय और खासकर बनारसी व्यंजनों का स्वाद परोसा गया, जिसने विदेशी मेहमानों का मन मोह लिया। इस आयोजन में प्रधानमंत्री मोदी ने खुद मेजबान की भूमिका निभाई और यह सुनिश्चित किया कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री और उनके दल को भारत की समृद्ध पाक कला का अनुभव हो सके।
मोदी ने निभाई मेजबान की भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विशेष अवसर पर एक कुशल मेजबान के रूप में दिखे। डॉ. रामगुलाम अपनी पत्नी वीना के साथ प्रधानमंत्री मोदी के दाहिनी ओर एक ही टेबल पर बैठे थे। वहीं, प्रधानमंत्री की बाईं ओर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और मॉरीशस की वित्त मंत्री बैठी थीं। यह व्यवस्था दोनों देशों के बीच संबंधों की गर्मजोशी और सम्मान को दर्शाती थी।
बनारसी और भारतीय व्यंजनों का अद्भुत संगम
भोज का मेन्यू भारतीय और विशेष रूप से बनारसी जायके से भरपूर था। इसमें कई पारंपरिक व्यंजन शामिल थे, जिन्हें मोटे अनाज और स्थानीय सामग्री से तैयार किया गया था। शुरुआत भुने हुए भुट्टे और पुदीना के पतले सूप से हुई, जिसमें भारतीय मसालों का जायका मिला हुआ था। शाकाहारी व्यंजनों में मसालेदार टमाटर के मैश पर भुनी हुई कुरकुरी आलू पैटी ने सबका ध्यान खींचा। रागी दही बड़ा भी एक अनूठा व्यंजन था, जिसे मीठे मसाले वाली दही की चटनी में भिगोकर परोसा गया था।
लौंगलता, लाल पेड़ा और बनारसी पान ने जमाया रंग
स्थानीय व्यंजनों के क्रम में पनीर लौंगलता को खास जगह दी गई थी। यह मखमली टमाटर और अखरोट से बनी ग्रेवी में पका भरवा पनीर था। इसके अलावा, बनारसी कढ़ी-पकौड़ी भी मेन्यू का हिस्सा थी, जिसे छाछ से बनी ग्रेवी में अजवाइन और बेसन के तले पकौड़े डालकर बनाया गया था। आलू कुटी मिर्च में जीरे का तड़का और दरदरे भरे कश्मीरी मिर्च से सजी मसालेदार सूखी आलू की सब्जी भी मेहमानों को खूब पसंद आई। दालों में जीरा और टमाटर के तड़के वाली पीली तुअर दाल शामिल थी, जबकि मुख्य व्यंजन में सुगंधित सब्जियों के साथ सब्जी दम बिरयानी थी, जो केसर युक्त लंबे बासमती चावल से बनी थी। विभिन्न प्रकार की भारतीय रोटियां भी मेन्यू में शामिल थीं।
मिठाई के बिना कोई भी बनारसी भोज अधूरा है। मेहमानों को काशी का लाल पेड़ा परोसा गया, जो धीरे-धीरे पकाए गए दूध से बनी एक सूखी मिठाई है। इसके साथ ही, जलेबी रबड़ी भी थी, जिसमें गाढ़े दूध के साथ कुरकुरे और सुनहरे जलेबी के टुकड़े थे।
भोज का समापन बनारस की सबसे मशहूर चीज़, यानी पान से हुआ। बनारसी पान के पत्ते में लपेटा हुआ गुलाब गुलकंद, सौंफ और कटे हुए खजूर का मिश्रण विदेशी मेहमानों को इतना पसंद आया कि उन्होंने इसकी खूब तारीफ की। भोजन के बाद, मेहमानों को चाय, कॉफी और कश्मीर की पारंपरिक कहवा भी परोसी गई। इस शानदार भोज ने न केवल मॉरीशस के प्रधानमंत्री का मन मोह लिया, बल्कि बनारस की सांस्कृतिक और पाक कला की समृद्धि को भी वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया।

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