
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब अपने निर्णायक चरण की ओर बढ़ चला है। पहले चरण के सफल मतदान के बाद अब सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों ने दूसरे और अंतिम चरण के चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस चरण के मतदान के लिए मात्र 48 घंटे शेष हैं। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, प्रचार अभियान 9 नवंबर की शाम 5 बजे तक ही चलेगा, जिसके बाद 11 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले ‘चुप्पी का दौर’ (Silence Period) शुरू हो जाएगा।

122 सीटों पर 1302 उम्मीदवारों का फैसला
दूसरा चरण पहले चरण की तुलना में अधिक व्यापक है, जिसमें राज्य के 20 जिलों की 122 विधानसभा क्षेत्रों में 11 नवंबर को मतदान होना है। इस चरण में कुल 1302 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला जनता करेगी, जिनमें 1165 पुरुष, 136 महिला और 1 थर्ड जेंडर के उम्मीदवार शामिल हैं।
प्रचार के अंतिम क्षणों में सीमांचल, मगध, शाहाबाद और चम्पारण क्षेत्र के जिलों में राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारक और वरिष्ठ नेता धुआंधार चुनावी रैलियां और रोड शो कर रहे हैं। प्रमुख गठबंधन और दल मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यह चरण बिहार चुनाव के परिणाम को काफी हद तक प्रभावित करेगा।
इन 20 जिलों में होगा मतदान
दूसरे चरण के चुनाव के तहत राज्य के 20 प्रमुख जिलों में मतदान होगा। ये जिले भौगोलिक रूप से बिहार के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करते हैं। इसमें पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार के साथ-साथ दक्षिणी और मध्य बिहार के भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, कैमूर और रोहतास जिले शामिल हैं। इन क्षेत्रों में विभिन्न समुदायों और सामाजिक समीकरणों के चलते चुनाव बेहद रोचक होने की उम्मीद है।

45,399 बूथों पर होगा मतदान
चुनाव आयोग ने दूसरे चरण में भी बंपर वोटिंग होने की उम्मीद जताई है, जिसके लिए सख्त इंतजाम किए गए हैं। इस चरण में कुल 3,70, 13,556 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 1,95,44,041 पुरुष, 1,74,68,572 महिला और 943 थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल हैं। मतदान प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए कुल 45,399 बूथों पर मतदान होगा।
इनमें 45,388 सामान्य मतदान केंद्र और 11 सहायक मतदान केंद्र हैं। शहरी क्षेत्रों में 5326 और ग्रामीण क्षेत्रों में 40,073 बूथ बनाए गए हैं। आयोग ने सभी बूथों पर सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो लाख से अधिक मतदाता हैं, जो इस चरण को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं।
आगामी 48 घंटे में खूब होंगी रैलियां
आगामी 48 घंटे उम्मीदवारों के लिए निर्णायक साबित होंगे, क्योंकि इस कम समय में उन्हें अधिक से अधिक मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचानी होगी। सभी की निगाहें अब 11 नवंबर को होने वाले मतदान प्रतिशत और फिर 14 नवंबर को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं। बिहार चुनाव 2025 का यह चरण राज्य के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करेगा।

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