
भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है, जिसके साथ ही राज्य में चुनावी बिगुल बज गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। वहीं, चुनावी नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। चुनाव आयोग ने दिवाली और छठ जैसे प्रमुख त्योहारों (18 अक्टूबर से 28 अक्टूबर के बीच) के साथ ओवरलैपिंग से बचने के लिए कार्यक्रम की सावधानीपूर्वक योजना बनाई है, ताकि सुचारू मतदान और अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
बढ़े हुए मतदान केंद्र और चाक-चौबंद सुरक्षा
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस बार के चुनाव को ‘अनुकरणीय, सुचारू और सबसे शांतिपूर्ण’ बनाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिसके लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की अतिरिक्त तैनाती की आवश्यकता होगी।
मतदाताओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए आयोग ने इस बार कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1,500 की बजाय 1,200 मतदाता ही मतदान कर सकेंगे, जिससे मतदान प्रक्रिया आसान और तेज होगी। इस कदम के परिणामस्वरूप, राज्य भर में मतदान केंद्रों की संख्या में वृद्धि की गई है। इस बार बिहार में 90,712 पोलिंग बूथ होंगे, जिनमें 13,911 शहरी क्षेत्रों में और 76,801 ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, 1,044 पोलिंग बूथों की जिम्मेदारी पूरी तरह से महिला कर्मियों के पास होगी, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

7.43 करोड़ मतदाता, 14 लाख फर्स्ट टाइम वोटर
बिहार में मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 7.43 करोड़ है। इस बार के चुनाव का एक महत्वपूर्ण पहलू लगभग 14 लाख फर्स्ट टाइम वोटरों की भागीदारी है, जो राज्य के चुनावी परिदृश्य में एक नई और युवा आवाज जोड़ेंगे। मतदाताओं के विस्तृत आंकड़ों के अनुसार, लगभग 3.92 करोड़ पुरुष और करीब 3.50 करोड़ महिला मतदाता हैं, जबकि थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 1,725 है। इसके साथ ही, 7.2 लाख दिव्यांग मतदाता, 4.04 लाख 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक और 14 हजार से अधिक 100 साल की उम्र पार कर चुके मतदाता भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
मतदाता सूची का शुद्धिकरण: एक विशेष पहल
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की विस्तृत जानकारी भी साझा की। 22 वर्षों के अंतराल के बाद आयोजित यह एसआईआर, मतदाता सूची के शुद्धिकरण के लिए 24 जून को शुरू हुआ। एक अगस्त को ड्राफ्ट सूची जारी हुई और सभी राजनीतिक दलों को सौंपी गई। आपत्ति और दावे की अवधि के बाद, 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची जारी की गई। CEC ने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची में सुधार के लिए अनुरोध करने की अवधि आगामी चुनावों के लिए उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने से 10 दिन पहले तक खुली रहेगी। उन्होंने मतदाताओं को आश्वस्त किया कि पूरी चुनावी मशीनरी तत्परता के साथ उनके साथ खड़ी रहेगी और चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण व पारदर्शी तरीके से कराए जाएंगे।

चुनावी नवाचार और फेक न्यूज़ पर नियंत्रण
चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाने के लिए कई नवाचारों की घोषणा की है। जिला स्तर पर किसी भी प्रकार की फर्जी खबरों को रोकने के लिए विशेष योजनाएं बनाई गई हैं ताकि गलत सूचनाओं का मुकाबला किया जा सके। इसके अलावा, आयोग ने यह भी घोषणा की कि सभी 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक के लिए एक अलग पर्यवेक्षक होगा, जबकि पहले एक पर्यवेक्षक एक से अधिक सीटों के लिए ज़िम्मेदार होता था। यह कदम चुनावी प्रक्रिया पर निगरानी को और अधिक प्रभावी बनाएगा।

राजनीतिक परिदृश्य: मुकाबला त्रिकोणीय
ये चुनाव सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (यूनाइटेड) के गठबंधन और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच एक सीधा मुकाबला होने की संभावना है। हालांकि, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नवगठित जन सुराज पार्टी भी इस दौड़ में एक नया आयाम जोड़ रही है, जो खुद को बिहार की राजनीति में एक वैकल्पिक शक्ति के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रही है।
गौरतलब है कि 2020 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 125 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया था, जबकि महागठबंधन ने 110 सीटें जीती थीं। राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी।
चुनाव आयोग द्वारा तारीखों की घोषणा राज्य में चुनाव तैयारियों की समीक्षा पूरी करने, सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने और व्यवस्थाओं का आकलन करने के ठीक एक दिन बाद हुई है। बिहार अब एक बड़े चुनावी उत्सव के लिए तैयार है, जिसमें लगभग 14 लाख युवा मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और राज्य के भविष्य की दिशा तय करेंगे।

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