
बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) का काम लगभग पूरा हो चुका है, और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी जाएगी। प्राप्त संकेतों के अनुसार, इस बार बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में हो सकता है, जिसकी घोषणा सात अक्टूबर के आसपास होने की संभावना है।
चुनाव आयोग की तैयारियां तेज
बिहार विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जिसे देखते हुए चुनाव आयोग ने अपनी चुनावी तैयारियों को गति दे दी है। सूत्रों के अनुसार, दशहरे के तुरंत बाद चुनाव आयोग की एक टीम राज्य का दौरा कर सकती है ताकि चुनावी तैयारियों का आकलन किया जा सके। इस दौरे के बाद ही चुनाव कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा होने की संभावना है।
आयोग की योजना के अनुसार, मतदान दो से 10 नवंबर के बीच कराया जा सकता है और परिणाम 15 नवंबर से पहले घोषित हो सकते हैं। इस बार समय की कमी और राज्य में आने वाले प्रमुख त्योहारों, जैसे दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ, को देखते हुए चुनाव को तीन-चार चरणों के बजाय दो चरणों में कराने की तैयारी है। हालांकि, इस संबंध में अंतिम निर्णय चुनाव आयोग की आधिकारिक घोषणा के बाद ही सामने आएगा।

मतदान प्रतिशत में वृद्धि की उम्मीद
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में भारी उछाल आने की उम्मीद है। एसआईआर के दौरान मतदाता सूची से बड़ी संख्या में मृत, स्थायी रूप से विस्थापित और दो जगहों पर नाम दर्ज कराने वाले मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। इससे मतदाता सूची अधिक सटीक हो गई है, और जो मतदान प्रतिशत सामने आएगा वह राज्य की वास्तविक मतदान स्थिति को दर्शाएगा।
इसके साथ ही, छठ पूजा के तुरंत बाद चुनाव कराने से बिहार के बाहर रहने वाले और अपने गाँव वापस लौटने वाले प्रवासी मतदाता भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाएंगे। छठ पूजा बिहार का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग अपने घरों को लौटते हैं। चुनाव आयोग की यह रणनीति मतदान प्रतिशत को बढ़ाने में सहायक हो सकती है।
राज्य की राजनीतिक पार्टियाँ भी चुनाव की संभावित तारीखों को देखते हुए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रही हैं। यह चुनाव न केवल राजनीतिक दलों के लिए, बल्कि बिहार की जनता के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।

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