
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सिवान जिले में एक बड़ी पुलिस कार्रवाई ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। बुधवार सुबह सिसवन थाना क्षेत्र के ग्यासपुर गांव में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता अयूब खान के घर पर एसटीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी की। इस दौरान पुलिस ने एके-47, कार्बाइन, दोनाली बंदूक और बड़ी संख्या में जिंदा कारतूस बरामद किए, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई।
गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि अयूब खान और उसके भाई रईस खान के गिरोह के सदस्य किसी बड़ी आपराधिक घटना की योजना बना रहे हैं। इसी सूचना के आधार पर सिवान के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। तड़के सुबह ग्यासपुर गांव में एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी शुरू की गई, जिसमें एसटीएफ, जिला आसूचना इकाई और सिसवन थाने की टीम शामिल थी।
तीन गिरफ्तार, मुख्य आरोपी फरार
एसपी मनोज कुमार तिवारी ने जानकारी दी कि इस कार्रवाई के दौरान तीन लोगों—अब्दुल कलाम आजाद, बाबू अली और समीना खातून—को गिरफ्तार किया गया है। छापेमारी का नेतृत्व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (सदर-1) अजय कुमार सिंह ने किया। हालांकि, अयूब खान और उसके कुछ सहयोगी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने आसपास के खेतों और बागीचों में तलाशी अभियान चलाया, लेकिन फिलहाल अयूब खान की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। एसपी ने बताया कि फरार आरोपियों की तलाश में कई टीमें गठित की गई हैं और जल्द ही गिरफ्तारी की उम्मीद है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और आपराधिक इतिहास
अयूब खान हाल ही में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) में शामिल हुए थे, जबकि उनके भाई रईस खान रघुनाथपुर विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, राजनीतिक प्रभाव का लाभ उठाकर इन दोनों भाइयों ने अपने पुराने आपराधिक नेटवर्क को फिर से सक्रिय कर लिया था। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि इतनी बड़ी मात्रा में हथियार कहां से आए और क्या इसका संबंध किसी बाहरी हथियार तस्करी गिरोह से है।
चुनाव से पहले भय का माहौल बनाने की आशंका
एसपी मनोज कुमार तिवारी ने कहा, “यह कार्रवाई सिवान पुलिस और एसटीएफ की एक बड़ी सफलता है। हमने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है। इस नेटवर्क में शामिल हर व्यक्ति को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। किसी भी प्रकार के राजनीतिक दबाव में आकर कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।” उन्होंने यह भी बताया कि रईस खान पहले से ही 52 मामलों में आरोपित है, जिनमें हत्या, रंगदारी और अवैध हथियार रखने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
पुलिस को शक है कि बरामद हथियारों का इस्तेमाल चुनाव से पहले क्षेत्र में भय और दबाव का माहौल बनाने के लिए किया जाना था। इस आशंका के चलते सुरक्षा एजेंसियां और अधिक सतर्क हो गई हैं।
इस छापेमारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार पुलिस और एसटीएफ चुनाव से पहले किसी भी आपराधिक गतिविधि को लेकर पूरी तरह सतर्क हैं। अयूब खान और उनके नेटवर्क पर की गई यह कार्रवाई न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि राजनीतिक रसूख के बावजूद अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है, जिससे चुनावी माहौल और भी संवेदनशील हो सकता है।

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