
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले मोकामा में हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह को इस मामले में पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी की कार्रवाई पटना एसएसपी के नेतृत्व में की गई, जहां पुलिस टीम ने बाढ़ स्थित कारगिल मार्केट से अनंत सिंह को हिरासत में लिया। इससे पहले खबर थी कि वे आत्मसमर्पण कर सकते हैं, लेकिन पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए उन्हें कस्टडी में ले लिया।

इस मामले की जांच अब बिहार पुलिस की अपराध जांच विभाग (CID) ने अपने हाथ में ले ली है। डीआईजी जयंत कांत स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे और जांच की निगरानी कर रहे हैं। एफएसएल टीम के साथ मिलकर बसावन चक और मोकामा ताल में साक्ष्य जुटाए गए।
जांच के दौरान रेलवे पटरियों पर पाए गए पत्थर, जो उस इलाके में सामान्यतः नहीं मिलते, ने साजिश की आशंका को और मजबूत किया है। इन पत्थरों को प्रयोगशाला भेजा गया है ताकि हत्या के तरीके की पुष्टि की जा सके।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने हत्या के तरीके को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। पहले दावा किया गया था कि दुलारचंद यादव की मौत गोली लगने से हुई, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार उनकी छाती पर वाहन चढ़ने से गंभीर चोटें आईं, जिससे फेफड़े फट गए और मौत हुई।

इस घटना ने राजनीतिक दलों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पियूष प्रियदर्शी, जो दुलारचंद यादव के भतीजे हैं, ने कहा कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी पहले होनी चाहिए थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अनंत सिंह चुनाव प्रचार में 50 गाड़ियों के काफिले के साथ घूम रहे थे, जबकि उन पर गंभीर आरोप थे।
बिहार में पहला चरण मतदान कुछ ही दिनों में होना है, और इस गिरफ्तारी ने एनडीए और विपक्ष दोनों के चुनावी समीकरण को प्रभावित किया है। अनंत सिंह जेडीयू के उम्मीदवार हैं, और उनकी गिरफ्तारी से मोकामा सीट पर मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।

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