महाराष्ट्र में एनसीपी की टूट के बाद भाजपा विरोधी कई दल अपनी पार्टी में टूट को लेकर सतर्क हैं। इधर, भाजपा समेत कई दलों के नेता जदयू में टूट का दावा भी कर रहे हैं। ऐसे में कई दल अपने विधायकों को एकजुट बने रहने का पाठ पढ़ा रहे हैं।
हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधायकों, विधान पार्षदों और सांसदों से मिल चुके हैं। मुख्यमंत्री से मिल चुके विधायक और सांसद भले ही विकास कार्यों से संबंधित बात पूछने और जानकारी लेने की बात बता रहे हों, लेकिन, सूत्रों का दावा है कि सीएम ने सभी को ‘लोभ-लालच’ से बचने की सलाह दी है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने अपने नेताओं को विपक्षी दलों के एकजुट होने का दावा कर भाजपा की स्थिति कमजोर होने और भविष्य सुरक्षित होने की बात भी बता रहे हैं।
महागठबंधन में शामिल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा अब एनडीए में शामिल हो चुका है। इसके बाद से ही गैर-भाजपा दल सावधान हो गए हैं। बताया जाता है कि जदयू के वरिष्ठ नेताओं को भी इसकी भनक लगी थी कि उनके सांसदों और विधायकों पर डोरे डाले जा रहे हैं, इसके बाद मुख्यमंत्री सतर्क हो गए। जदयू के विधायकों की संख्या 45 है।
इधर, कांग्रेस भी सतर्क और सावधान बताई जा रही है। कांग्रेस में टूट के कयास पहले भी लग चुके हैं। कांग्रेस के विधायकों की संख्या 19 है। फिलहाल सरकार में कांग्रेस के दो मंत्री हैं और पिछले काफी दिनों से दो अन्य लोगों को मंत्री बनाए जाने की मांग हो रही है।
ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा, नाराज विधायकों पर डोरे डाल सकती है। इस कारण कांग्रेस भी सतर्क है। राजद किसी भी टूट से निश्चिंत है। लेकिन, राजद भी इसे लेकर कम सतर्क नहीं है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि इन दिनों राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की सक्रियता भी पार्टी को एकजुट करने के कारण हुई है।