
बिहार की राजनीति में बयानबाजी का दौर हमेशा गर्म रहता है, और विपक्षी दल एक-दूसरे पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। इसी क्रम में, बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार और विपक्षी महागठबंधन पर तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने एक ऐसा बयान दिया, जिसने बिहार के राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है।

परिवार में बिखराव, राजनीति पर सवाल
पत्रकारों से बातचीत में दिलीप जायसवाल ने लालू परिवार को सीधा निशाने पर लेते हुए कहा कि, “जो लोग अपने परिवार को नहीं संभाल पाए, उन लोगों से भला बिहार को संभालने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?” उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि लालू परिवार से बिहार को संभालने की उम्मीद करना ही गलत है। यह बयान परिवार के आंतरिक मतभेदों और राजनीतिक उत्तराधिकार को लेकर चल रही चर्चाओं पर एक बड़ा राजनीतिक वार माना जा रहा है। बीजेपी अध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि जिन लोगों के परिवार में ही बिखराव की स्थिति बनी हुई है, उनसे बिहार का भला करने की उम्मीद करना तर्कसंगत नहीं है।
महागठबंधन की कलह: तालमेल का अभाव
दिलीप जायसवाल ने महागठबंधन की अंदरूनी खींचतान को भी अपनी आलोचना का आधार बनाया। उन्होंने कहा कि “मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि जिस तरह से लालू परिवार में बिखराव की स्थिति मौजूदा समय में बनी हुई है, ठीक वैसी ही स्थिति अभी महागठबंधन में भी बनी हुई है।” उन्होंने सीट बंटवारे को लेकर लंबे समय तक चले विवाद का हवाला दिया। जायसवाल के अनुसार, सीट बंटवारे के दौरान लोगों के बीच किस तरह से मतभेद उभरकर सामने आए, यह बिहार की जनता ने देखा है।
उनके इस बयान का निहितार्थ स्पष्ट है कि गठबंधन के भीतर मतभेद और आंतरिक कलह इस बात का साफ संकेत है कि उनमें तालमेल का अभाव है। यह अभाव राज्य के शासन-प्रशासन में भी दिखाई देगा। बीजेपी अध्यक्ष ने यह कहकर अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को आश्वस्त किया कि किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि विपक्ष की कमजोरी सबके सामने है।
जनता देख रही है सियासी उठापटक
दिलीप जायसवाल ने विश्वास जताया कि बिहार की जनता राज्य में जारी इन सभी राजनीतिक उठापठक को बहुत करीब से देख रही है। उनका मानना है कि जनता जागरूक है और आने वाले चुनावों में इन सभी को माकूल जवाब देगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब ये राजनीतिक दल बिहार की जनता को किसी भी कीमत पर बेवकूफ नहीं बना पाएंगे। प्रदेश की जनता अपने लोकतांत्रिक अधिकारों और अपनी जागरूकता का सही इस्तेमाल करना जानती है। यह टिप्पणी आगामी चुनावों में महागठबंधन की चुनौतियों को बढ़ा सकती है, क्योंकि बीजेपी इसे जनता के बीच एक मुख्य मुद्दा बनाने की कोशिश करेगी।
तेजप्रताप यादव की अटकलों पर बीजेपी का रुख
इस राजनीतिक चर्चा के बीच, तेजप्रताप यादव के एनडीए (NDA) से संभावित बातचीत की अटकलें भी थीं। दिलीप जायसवाल ने इन सभी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि एनडीए की तरफ से उनसे किसी भी प्रकार की बातचीत मौजूदा समय में नहीं चल रही है।
जायसवाल ने कहा कि अगर तेजप्रताप यादव ने इस संबंध में कोई बयान दिया होगा, तो निश्चित तौर पर उसमें उनका व्यक्तिगत हित निहित होगा, जिस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे। बीजेपी अध्यक्ष के इस बयान से साफ हो जाता है कि पार्टी फिलहाल लालू परिवार के किसी भी सदस्य को अपने पाले में लाने की चर्चाओं से दूरी बनाए हुए है, और उनका मुख्य फोकस विपक्ष की कमजोरियों को उजागर करने पर है।

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