
कर्नाटक में सामूहिक कब्र विवाद को लेकर सियासत और तेज हो गई है। शनिवार को भाजपा की प्रदेश इकाई ने ‘धर्मस्थल चलो’ अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का नेतृत्व भाजपा विधायक एस.आर. विश्वनाथ ने किया। उन्होंने अपनी येलहंका इकाई के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ नेलमंगला टोल से श्रीक्षेत्र धर्मस्थल तक कार रैली निकाली। यात्रा की शुरुआत धार्मिक अनुष्ठानों के साथ हुई और इसमें सैकड़ों वाहनों का काफिला शामिल हुआ।
भाजपा का पलटवार: “धर्मस्थल को बदनाम करने की साजिश”
यात्रा का उद्देश्य, भाजपा नेताओं के मुताबिक, धर्मस्थल जैसे प्रमुख हिंदू तीर्थस्थल को लेकर फैलाए जा रहे “झूठे प्रचार” का जवाब देना है। विधायक एस.आर. विश्वनाथ ने मीडिया से बातचीत में कहा- “हम लगभग 300 कारों के काफिले के साथ धर्मस्थल जा रहे हैं। विशेष जांच दल (SIT) द्वारा की जा रही जांच का हम स्वागत करते हैं, लेकिन कुछ स्वार्थी तत्व इस जांच को भटकाने और तीर्थस्थल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने इसी झूठे प्रचार का जवाब देने के लिए ‘धर्मस्थल चलो’ अभियान शुरू किया है।”
विश्वनाथ ने आगे कहा कि यूट्यूब चैनलों और कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा धर्मस्थल के खिलाफ झूठा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। “हमारा विरोध इसी के खिलाफ है। हम धर्मस्थल जाकर भगवान मंजूनाथ स्वामी के दर्शन करेंगे और प्रार्थना करेंगे,” उन्होंने कहा।
भाजपा का शक्ति प्रदर्शन
यात्रा में भाजपा के कई स्थानीय नेता, कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए। शनिवार शाम तक यह कारवां श्रीक्षेत्र धर्मस्थल पहुंचा, जहां रात में विशेष प्रार्थना आयोजित की गई। रविवार को इस अभियान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र, विधान परिषद में विपक्ष के नेता चलवाडी नारायणस्वामी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के भी शामिल होने की संभावना जताई गई है। भाजपा का कहना है कि रविवार को 35-40 विधायक भी धर्मस्थल पहुंचकर सामूहिक प्रार्थना करेंगे।
राज्य दुग्ध महासंघ के संयोजक बेलूर राघवेन्द्र शेट्टी सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी इस यात्रा में सक्रिय रूप से जुड़े। भाजपा नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि धर्मस्थल को बदनाम करने की कथित साजिश का राजनीतिक और सामाजिक जवाब भी है।

कांग्रेस सरकार पर आरोप
विधायक एस.आर. विश्वनाथ ने कांग्रेस सरकार और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा- “अब जाकर कांग्रेस सरकार और डी.के. शिवकुमार कह रहे हैं कि धर्मस्थल मामले में एक बड़ी साजिश है। यह बयान उन्हें बहुत पहले देना चाहिए था। लेकिन, सरकार ने पहले चुप्पी साधी और अब जब विवाद ने बड़ा रूप ले लिया है, तो वे सफाई देने लगे हैं।”
कांग्रेस का जवाब: दोषियों पर कार्रवाई होगी
वहीं, कांग्रेस सरकार ने भी संकेत दिए हैं कि धर्मस्थल के खिलाफ अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। शुक्रवार को बेंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा- “हम उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं जिन्होंने धर्मस्थल को लेकर झूठी बातें फैलाई हैं। तीर्थस्थल की छवि खराब करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”
सियासी टकराव तेज
कर्नाटक में सामूहिक कब्र विवाद धीरे-धीरे एक बड़े राजनीतिक मुद्दे में बदलता जा रहा है। भाजपा इस मामले को हिंदू आस्था और तीर्थस्थल की गरिमा से जोड़ रही है, वहीं कांग्रेस सरकार इसे “अफवाह और दुष्प्रचार” का मामला बताते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कर रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा इस अभियान के जरिए प्रदेश में हिंदू वोट बैंक को साधने और कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। वहीं, कांग्रेस चाहती है कि सरकार की छवि धार्मिक स्थलों के संरक्षक के रूप में मजबूत हो। फिलहाल, भाजपा का ‘धर्मस्थल चलो’ अभियान सियासी सुर्खियों में है और आने वाले दिनों में यह विवाद कर्नाटक की राजनीति का बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है।

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