
उत्तराखंड में अगले विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक बैठक में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यसभा सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनावों की समीक्षा करना और 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए रोडमैप तैयार करना था।
पंचायत चुनावों का गहन विश्लेषण
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बताया कि यह एक नियमित बैठक थी, जिसमें सभी सांसदों को बुलाया गया था। उन्होंने कहा, “हमने पंचायत चुनावों के परिणामों का गहन विश्लेषण किया, खासकर उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया, जहां पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली।” भट्ट ने स्वीकार किया कि कुछ क्षेत्रों में पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा और भविष्य में बेहतर रणनीति बनाने पर जोर दिया गया।
यह बैठक भाजपा की संगठनात्मक और राजनीतिक तैयारियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पंचायत चुनावों में मिले सबक को 2027 के विधानसभा चुनावों में लागू करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि पार्टी अपनी स्थिति को और मजबूत कर सके।

‘सेवा पखवाड़े’ और आगामी कार्यक्रम
भट्ट ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन, 17 सितंबर से ‘सेवा पखवाड़े’ की शुरुआत होगी। इस दौरान सभी सांसद विभिन्न सेवा गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेंगे। यह कार्यक्रम पार्टी की ‘सेवा ही संगठन’ की विचारधारा को दर्शाता है और जनता के साथ सीधा जुड़ाव स्थापित करने में मदद करेगा।
इसके अलावा, बैठक में 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। भट्ट ने कहा कि पार्टी ने अभी से रणनीति बनाना शुरू कर दिया है, जिसमें सांसदों के कार्यक्रमों को निर्धारित किया जाएगा। संगठनात्मक मजबूती और जनसंपर्क के माध्यम से पार्टी उत्तराखंड में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ करेगी।
संविधान संशोधन विधेयक पर समर्थन
महेंद्र भट्ट ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए संविधान संशोधन विधेयक पर भी टिप्पणी की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का समर्थन करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी को न्यायालय से सजा मिलती है, तो उसे स्वयं अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यह नैतिकता का तकाजा है।” भट्ट ने कहा कि यह विधेयक सरकार के नैतिक मूल्यों और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

धराली आपदा पर सरकार का रुख
बैठक में उत्तराखंड के धराली क्षेत्र में हाल ही में आई आपदा पर भी चर्चा हुई। महेंद्र भट्ट ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। बचाव अभियान जारी है और मौके पर कई मशीनें और उपकरण तैनात किए गए हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि लगातार बारिश के कारण स्थिति जटिल बनी हुई है, लेकिन सरकार प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
कुल मिलाकर, इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा ने उत्तराखंड में 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए अभी से कमर कस ली है। पंचायत चुनावों की समीक्षा, ‘सेवा पखवाड़े’ का आयोजन और संगठनात्मक मजबूती पर जोर देकर पार्टी अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा की यह रणनीति कितनी सफल होती है।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



