
बाढ़ प्रभावित पंजाब में कांग्रेस पार्टी द्वारा वितरित किए जा रहे राहत पैकेट्स पर राहुल गांधी की तस्वीर लगे होने के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह वास्तविक राहत कार्य के बजाय इसका राजनीतिकरण कर रही है।
भाजपा ने लगाए गंभीर आरोप
भाजपा प्रवक्ता ने एक वीडियो साझा करते हुए दिखाया कि कांग्रेस की ओर से भेजी गई राहत सामग्री के पैकेट पर राहुल गांधी की तस्वीर वाले स्टिकर लगे हैं। इसके अलावा, राहत सामग्री से भरे ट्रकों पर भी पार्टी नेताओं और बड़े-बड़े पोस्टर देखे गए।
भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस के लिए राजनीति हमेशा राहत कार्य से पहले आती है। इस संदर्भ में, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “अगर कांग्रेस का उद्देश्य पंजाब में बाढ़ राहत पहुंचाना है, तो वह पार्टी के चुनाव चिन्ह के साथ राहुल गांधी के स्टिकर क्यों चिपका रही है?”
भंडारी ने आगे कहा, “यह स्पष्ट है कि कांग्रेस की प्राथमिकता बाढ़ राहत नहीं, बल्कि बाढ़ राहत का राजनीतिकरण है। उत्तराखंड में 2013 में भी कांग्रेस ने गांधी-वाड्रा परिवार के लिए बाढ़ राहत देने में देरी की थी।”

उत्तराखंड त्रासदी का पुराना मामला
भाजपा ने इस घटना की तुलना 2013 की उत्तराखंड त्रासदी से की है। उस समय, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जैसे क्षेत्रों में राहत सामग्री ले जा रहे 500 से अधिक ट्रक प्रशासन की अनुमति न मिलने के कारण कई दिनों तक फंसे रहे थे। इन ट्रकों में से 96 ट्रक कथित तौर पर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भेजे थे।
उस समय इन ट्रकों के फंसने से न केवल भारी ट्रैफिक जाम हुआ, बल्कि दूरदराज के प्रभावित क्षेत्रों तक राहत सामग्री भी नहीं पहुँच पाई थी। कई ट्रक ड्राइवरों ने बताया था कि उन्हें कोई मार्गदर्शन नहीं मिला, और उनके पास खाने-पीने और ईंधन के लिए पैसे भी नहीं थे। उस समय भी कांग्रेस पर आरोप लगे थे कि वे राहत कार्य में अनावश्यक देरी कर रही है।

इस घटना के बाद, पंजाब में राहत सामग्री पर राहुल गांधी की तस्वीर का मामला एक बार फिर से इस बहस को हवा दे रहा है कि क्या आपदा के समय राजनीतिक दल राहत कार्यों को अपनी छवि चमकाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

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