
हरियाणा प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार आत्महत्या मामले की जांच में एक नया मोड़ आया है। चंडीगढ़ पुलिस ने दिवंगत आईपीएस अधिकारी की पत्नी, आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार को नोटिस जारी किया है। पुलिस ने यह नोटिस अमनीत कुमार को अपने दिवंगत पति का लैपटॉप जल्द से जल्द जांच टीम को सौंपने के लिए दिया है, जिसे जांच के लिए एक महत्वपूर्ण साक्ष्य माना जा रहा है।
पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को कथित तौर पर चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मार ली थी, जिसके बाद से इस मामले में लगातार नए घटनाक्रम सामने आ रहे हैं।
जांच के लिए लैपटॉप क्यों है जरूरी?
मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) का मानना है कि आईपीएस अधिकारी का लैपटॉप जांच को आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक हो सकता है। जांचकर्ताओं का मानना है कि इस डिजिटल उपकरण में महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है, जिसमें कथित सुसाइड नोट का मूल मसौदा भी शामिल है।
एसआईटी ने जोर देकर कहा है कि अधिकारी की मृत्यु से पहले की घटनाओं के क्रम को स्थापित करने के लिए डिवाइस को प्राप्त करना और उसकी डिजिटल जांच करना अनिवार्य है। इसके बिना, सुसाइड नोट की सत्यता और घटनाओं का क्रम स्थापित करना कठिन हो सकता है।

सुसाइड नोट की प्रामाणिकता की होगी जांच
पुलिस सूत्रों ने बताया कि लैपटॉप को डिजिटल जांच के लिए सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) में भेजने की योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य सुसाइड नोट की प्रामाणिकता को सत्यापित करना है।
जांचकर्ताओं का लक्ष्य यह पुष्टि करना है कि क्या यह नोट वास्तव में आईपीएस पूरन कुमार द्वारा खुद लिखा गया था और उनके अपने लैपटॉप पर बनाया गया था। लैपटॉप में कथित तौर पर सुसाइड नोट का एक सहेजा हुआ मसौदा (saved draft) मौजूद है, जो पुलिस के लिए अहम सबूत है।
ईमेल और आरोप विवरण की पड़ताल
लैपटॉप से यह पता चलेगा कि अधिकारी ने अपनी मृत्यु से पहले सुसाइड नोट को ईमेल के माध्यम से किसे और कब भेजा था। एसआईटी का एक और महत्वपूर्ण लक्ष्य यह निर्धारित करना है कि यह ईमेल वाला नोट कितने लोगों को प्राप्त हुआ।
इसके अलावा, टीम यह पता लगाना चाहती है कि यह नोट किस सटीक समय पर भेजा गया था, और प्रत्येक प्राप्तकर्ता ने इस ईमेल तक कब पहुँच बनाई। ये सभी विवरण अधिकारी की मृत्यु से संबंधित घटनाक्रम की कड़ियों को जोड़ने में निर्णायक साबित होंगे।
आठ वरिष्ठ अधिकारियों पर लगे हैं गंभीर आरोप
आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार ने अपने ‘अंतिम नोट’ में आठ वरिष्ठ पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। इन आरोपों में हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत कपूर भी शामिल हैं, जिन पर “खुले तौर पर जाति-आधारित भेदभाव, लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार” करने का आरोप लगाया गया था।
इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, हरियाणा सरकार ने पहले ही डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया है। चंडीगढ़ पुलिस ने डीजीपी समेत 15 अधिकारियों पर एफआईआर भी दर्ज की है।

आईएएस पत्नी ने अभी तक नहीं सौंपा लैपटॉप
पुलिस द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बावजूद, आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने अभी तक अपने दिवंगत पति का लैपटॉप जांच दल को नहीं सौंपा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए डिवाइस को जल्द से जल्द पुनर्प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
इस बीच, अधिकारी की मौत से जुड़ी संवेदनशीलता और सार्वजनिक तनाव के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने राज्यव्यापी निर्देश जारी किए हैं। इसमें सभी जिलों और डिवीजनों में सांप्रदायिक सद्भाव और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त सतर्कता और समन्वित प्रयासों पर जोर दिया गया है।

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